कर्ज के दलदल में धंसती जा रही MP सरकार, प्रदेश का हर नागरिक 50 हजार रुपये का कर्जदार
मध्य प्रदेश सरकार ने 5000 करोड़ रुपए का नया कर्ज ई-ऑक्शन के जरिए स्टॉक गिरवी रखकर लिया है। 26 नवंबर को 5000 करोड़ कर्ज की राशि दो चरणों में क्रमशः 2500-2500 करोड़ रुपए में लिए गए हैं।
भोपाल। मध्य प्रदेश सरकार कर्ज के दलदल में धंसती जा रही है। डाॅ. मोहन यादव सरकार पिछले एक वर्ष में 49000 करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। सीएम के विदेश दौरे के बीच राज्य सरकार ने एक बार फिर से कर्ज लिया है। नए कर्ज को मिलाकर एक वर्ष मोहन सरकार कुल 54,000 करोड़ का कर्ज ले चुकी है, जिस पर अब विपक्षी पार्टियों ने सवाल उठाने शुरू कर दिए हैं।
मध्य प्रदेश सरकार ने 5000 करोड़ रुपए का नया कर्ज ई-ऑक्शन के जरिए स्टॉक गिरवी रखकर लिया है। सरकार ने यह कर्ज 26 नवंबर को 5000 दो चरणों में क्रमशः 2500-2500 करोड़ रुपए में ली है। सूचना के मुताबिक यह राशि 27 नवंबर को सरकार के खाते में पहुंची। सरकार का कहना है कि धनराशि राज्य की विकास योजनाओं व अन्य खर्चों के लिए इस्तेमाल की गई।
हालांकि इससे जनता पर कर्ज का भार लगातार बढ़ता जा रहा है और यह बढ़कर करीब 4 लाख करोड़ हो चुका है। इसके साथ ही मध्य प्रदेश का प्रत्येक व्यक्ति 50 हजार रुपये से अधिक का कर्जदार होगा। स्थिति यह है कि मध्य प्रदेश का कुल बजट 3.65 लाख करोड़ रुपये का है, लेकिन इससे अधिक मध्य प्रदेश सरकार पर कर्ज है।
मध्य प्रदेश की वित्तीय स्थिति पहले ही चिंताजनक है अब एक और नया कर्ज, एमपी सरकार के वित्तीय संकट के दलदल में फंसने का इशारा कर रहा है।कुछ महीने पहले CAG ने अपनी रिपोर्ट में सरकार के बढ़ते राजकोषीय घाटे पर चिंता जताते हुए कहा था कि सरकार को ज्यादा कर्ज लेने के बजाय राजस्व बढ़ाने पर ध्यान देना चाहिए। साथ ही, नुकसान उठा रहे उपक्रमाें के कामकाज की समीक्षा कर उनमें सुधार की रणनीति बनाई जाना चाहिए। बजट तैयार करने की प्रक्रिया ऐसी हो, ताकि बजट अनुमान और वास्तविक बजट के बीच के अंतर को काम किया जा सके।
सरकार की कर्जखोरी पर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने हमला बोला है। पटवारी ने कहा कि मुख्यमंत्री की विदेश यात्रा की लक्ज़री अभी चल ही रही है कि भाजपा सरकार द्वारा फिर 5 हजार करोड़ के कर्ज की खबर आ गई। पिछले 11 महीने में ही 40,500 करोड़ का कर्ज जोड़ लें, तो हम 3 लाख 90 हजार करोड़ से ज्यादा के कुल कर्ज पर पहुंच गए हैं। गरीब किसान, लाड़ली बहनें पूछ रही हैं, मंत्रियों के बंगलों, महंगी गाड़ियों, मुख्यमंत्री जी के उड़न खटोले के लिए और कितना कर्ज लेंगे?