डेंगू से निपटने के लिए सरकार की नई कोशिश, मुख्यमंत्री ने डेंगू से जंग, जनता के संग अभियान का किया शुभारंभ

मुख्यमंत्री ने भोपाल में हरी झंड़ी दिखाकर डेंगू जागरुकता रथों को किया रवाना, जिला अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए 10-10 बेड वाले आइसोलेशन वॉर्ड बनाने का ऐलान, सीएम ने कहा अगर डेंगू को पूरी तरह से रोकना है तो प्रदेश की पूरी जनता रखे सावधानी

Updated: Sep 15, 2021, 08:18 AM IST

Photo Courtesy: twitter
Photo Courtesy: twitter

भोपाल। मध्यप्रदेश में डेंगू के बढ़ते मामलों के बाद अब सरकार उससे निपटने के लिए पूरी तरह से जुट गई है। प्रदेश के विभिन्न जिलों में डेंगू उन्मूलन अभियान की शुरुआत की गई है। मुख्य कार्यक्रम भोपाल में आयोजित किया गया। बुधवार को मुख्यमंत्री ने नेहरूगर में आयोजित कार्यक्रम में डेंगू से रोकथाम और बचाव को लेकर सतर्कता रथ को हरी झंड़ी दिखाई। इस डेंगू उन्मूलन कार्यक्रम की थीम डेंगू से जंग जनता के संग रखी गई है। 

दरअसल सितंबर में प्रदेश भर में डेंगू के 1200 से ज्यादा मरीज मिले हैं, जिसके बाद इस साल का आंकड़ा 2600 से ज्यादा हो गया है। भोपाल में कुल मरीजों की संख्या 203 हो गई है। मंदसौर, इंदौर, जबलपुर जैसे जिलों में भी डेंगू के मरीजों की संख्या बढ़ी है। जिसे लेकर प्रशासन मुस्तैद है। अस्पतालों में डेंगू के इलाज के लिए 10 बेड वाले आइसोलेशन वार्ड बनाने के निर्देश दिए गए हैं।

 

भोपाल में मुख्यमंत्री की मौजूदगी में नेहरू नगर इलाके में इसकी विधिवत शुरूआत की गई। मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने डेंगू जागरुकता रथ को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। इस मौके पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग  और पूर्व मंत्री उमाशंकर गुप्ता भी मौजूद थे। इस अभियान का लक्ष्य है कि जनता के सहयोग से डेंगू का खात्मा किया जाए। इसके लिए लोगों से अपील की जाएगी ताकि लोग अपने घरों में पानी जमा होने वाली जगहों को साफ करें। डेंगू मच्छर के लार्वा खाने वाली गंबूशिया मछली का वितरण कर एंटी लार्वा गतिविधियों में तेजी लाई जाएगी।

डेंगू उन्मूलन अभियान के शुभारंभ के दौरान मुख्यमंत्री ने खुद फॉगिंग मशीन लेकर धुएं का छिड़काव किया। इस दौरान सीएम ने रहवासियों को एंटी डेंगू लार्वा वितरित किया। मुख्यमंत्री ने लोगों को संबोधित करते हुए डेंगू और मलेरिया के मच्छरों के प्रति सजग रहने को कहा। उन्होंने कहा कि जनता की सजगता से ही इन बीमारियों से निपटा जा सकता है। मुख्यमंत्री ने लोगों से अपने आसपास साफ-सफाई बनाए रखने की अपील की। उन्होंने कहा कि अगर किसी के घर के आसपास डेंगू का लार्वा है तो जिम्मेदारी रहवासियों की होती है। अगर डेंगू को पूरी तरह से रोकना है तो प्रदेश की पूरी जनता सावधानी रखें।

 

 

मध्यप्रदेश में मंदसौर, जबलपुर, इंदौर में डेंगू के मामले बढ़े हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि डेंगू के उपचार के लिए सभी जिला अस्पतालों में दस-दस बिस्तर के आइसोलेशन वार्ड बनाए जा रहे हैं। वहीं आयुष्मान योजना में भी डेंगू और चिकनगुनिया के फ्री इलाज की व्यवस्था होगी। सीएम ने कहा कि नगर निगम पूरा सहयोग करेगा, लेकिन जनता को भी सजग रहना है। पूरे प्रदेश में हमें गड्ढों में भरे पानी में दवाई डाली है और सावधानी बरतनी है।

इस अभियान के तहत लोगों को घरों के आसपास गड्‌ढों की नियमित सफाई, वहां पानी नहीं जमा होने देने, घरों के कूलरों और टंकियों को साफ रखने की हिदायत दी जाएगी। लोगों को सफाई अभियान के लिए मोटीवेट किया जाएगा। वहीं घनी बस्तियों पर मच्छर भगाने के लिए फॉगिंग होगी।

और पढ़ें: कोरोना की थर्ड वेब के बीच डेंगू का कहर, प्रदेश में अब तक मिले 2400 से ज्यादा मरीज

भोपाल के विभिन्न इलाकों में डेंगू और मलेरिया से बचाव के लिए सर्वे किया जा रहा है। डेंगू लार्वा की जांच के लिए 38 टीमें तैयार की गई हैं। जिन्होंने अब तक करीब 1428 घरों में सर्वे का काम कर लिया है। इस दौरान 138 घरों में डेंगू का लार्वा मिला है। जिन जगहों पर डेंगू के लार्वा मिला है, वहां पर टेमोफॉस के जरिए उसे नष्ट किया गया है।

मादा एडिस मच्छर के काटने से डेंगू होता है। इनका लार्वा गंबूसिया मछली खा कर खत्म कर देती है। जिससे डेंगू का मच्छर नहीं फैल पाते और बीमारी की रोकथाम आसानी से की जा सकती है।