MP: ढाई घंटे तक नहीं पहुंची जननी एक्सप्रेस, प्रसूता ने ऑटो में दिया बच्ची को जन्म

जामनेर निवासी प्रसूता कविता बाई को प्रसव पीड़ा होने पर ढाई घंटे तक एम्बुलेंस नहीं पहुंची। मजबूरी में परिजनों को ऑटो बुलाना पड़ा लेकिन रास्ते में ही प्रसूता ने बच्ची को जन्म दिया।

Updated: Nov 27, 2025, 07:35 PM IST

खातेगांव। मध्य प्रदेश में 108 आपातकालीन सेवा और जननी एंबुलेंस योजना को लेकर किए जाने वाले तमाम दावों की हकीकत एक बार फिर सामने आई है। खातेगांव में कॉल करने के ढाई घंटे बाद तक जननी एंबुलेंस नहीं पहुंची। मजबूरी में परिजनों ने ऑटो बुक किया और प्रसूता ने ऑटो में ही बच्ची को जन्म दिया।

यह घटना शुक्रवार सुबह की है। सुबह करीब 5 बजे जामनेर निवासी प्रसूता कविता बाई को प्रसव पीड़ा शुरू हुई  तेज दर्द शुरू होने पर परिजनों ने तुरंत स्थानीय आशा कार्यकर्ता को सूचना दी। आशा कार्यकर्ता ने जननी एक्सप्रेस/एम्बुलेंस के नंबर पर कॉल कर मरीज की जानकारी दी, जहां से उन्हें बताया गया कि एम्बुलेंस थोड़ी देर में पहुंच जाएगी।

कॉल करने के एक घंटे बाद भी कोई वाहन नहीं पहुंचा। परेशान होकर प्रसूता के पति शौकत ने दोबारा कॉल किया, लेकिन उन्हें फिर वही जवाब मिला कि एम्बुलेंस थोड़ी देर में पहुंच रही है। सुबह 8:30 बजे तक दर्द अत्यधिक बढ़ गया और प्रसव पीड़ा से प्रसूता की स्थिति बिगड़ने लगी। इसके बाद परिजनों ने गांव के ही एक ऑटो चालक को बुलाया।

ऑटो 5 मिनट में आ गया और प्रसूता को लेकर परिजन खातेगांव के लिए रवाना हुए। लगभग 10 किलोमीटर का सफर तय करने के बाद, दाना बाबा क्षेत्र के पास रास्ते में ही कविता बाई ने एक स्वस्थ बच्ची को जन्म दिया। डिलीवरी के बाद परिजन प्रसूता और नवजात को लेकर तुरंत खातेगांव के शासकीय अस्पताल पहुंचे। यहां अस्पताल में दोनों को भर्ती कर उनका इलाज शुरू किया गया।

मामले पर बीएमओ डॉ. तुषार गुप्ता ने बताया कि माता और बच्ची दोनों पूरी तरह स्वस्थ हैं। एम्बुलेंस की देरी पर उन्होंने स्पष्ट किया कि एम्बुलेंस और जननी एक्सप्रेस पूरी तरह सेंट्रलाइज्ड सिस्टम से संचालित होती हैं और ब्लॉक स्तर पर इनका नियंत्रण नहीं होता। इस घटना ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं की वास्तविक स्थिति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। यह दर्शाता है कि आपात स्थिति में भी एम्बुलेंस सेवाएं समय पर क्यों नहीं पहुंच पातीं, जबकि हर मिनट कीमती होता है।