MP पटवारी भर्ती परीक्षा में धांधली, एक ही सेंटर के निकले टॉप 10 में से 7 छात्र, ब्लैक लिस्टेड कंपनी को मिला था परीक्षा कराने का ठेका

ब्लैक लिस्टेड कंपनी को मिला था परिक्षाएं आयोजित कराने का ठेका, पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली के आरोप, कांग्रेस नेता अरुण यादव बोले- शिवराज जी व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होते

Updated: Jul 11, 2023, 03:08 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के दागदार परीक्षा मंडल व्यापमं का नाम लगातार बदलता गया लेकिन कारनामे वही हैं। व्यापमं का नाम पीईबी हुआ और उसके बाद अब कर्मचारी यन मंडल हो गया। लेकिन विवादों का साथ नहीं छूटा। हाल ही में हुए पटवारी भर्ती परीक्षा में बड़े स्तर पर धांधली का खुलासा हुआ है। दरअसल, टॉप 10 मेरिट लिस्ट में 7 अभ्यर्थी एक ही सेंटर के हैं।

बता दें कि इस परीक्षा का रिजल्ट 30 जून को आया था। लेकिन पहली बार ऐसा हुआ कि रिजल्ट आने के बाद कर्मचारी चयन मंडल द्वारा टॉप 10 मेरिट लिस्ट जारी नहीं की गई। ऐसे में अभ्यर्थियों ने गड़बड़ी की आशंका जताई। रिजल्ट जारी होने के कई दिन बाद 10 जुलाई को बोर्ड द्वारा टॉपर्स की लिस्ट जारी की गई। हैरानी की बात ये है कि मेरिट लिस्ट में टॉप 10 में 7 लोग ऐसे हैं, जिनका एग्जाम सेंटर एनआरआई कॉलेज ग्वालियर में था।

नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होते: अरुण यादव 

टॉपर्स लिस्ट आने के बाद वरिष्ठ कांग्रेस नेता व पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण यादव ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। अरुण यादव ने कहा कि अभ्यर्थियों को जिसकी आशंका थी वो सच हुई, टॉप 10 में से 7 बच्चों का सेंटर NRI कॉलेज ग्वालियर है, 9 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों में से लगभग 1 हज़ार चयनित अभ्यर्थियों का सेंटर NRI कॉलेज था। ज्यादातर टॉपर्स के हस्ताक्षर हिंदी में है व उनके इंग्लिश में 25/25 आये हैं।

अरुण यादव ने आगे कहा कि एक ही सेंटर से इतने टॉपर्स का आना, लगभग सबके हिंदी में हस्ताक्षर होना घोटाले की शंका को गहरा कर रहा है। उन्होंने कहा, 'शिवराज जी, व्यापमं का नाम बदलने से घोटाले बंद नहीं होते उसके लिए कार्रवाई करनी होगी करना।
इसकी उच्च स्तरीय जांच कराएं क्योंकि इसमें भी घोटाला हुआ है।'

इस पूरे भर्ती परीक्षा में एनआरआई कॉलेज ग्वालियर की भूमिका संदेह के घेरे में है। रिपोर्ट्स के मुताबिक यह कॉलेज सीएम शिवराज सिंह चौहान के करीबी भाजपा विधायक संजीव कुशवाहा का है। इतना ही नहीं बताया जा रहा है कि परीक्षा कराने का जिम्मा एक ब्लैक लिस्टेड कंपनी को दिया गया था। व्यापमं ने पटवारी भर्ती परीक्षा आयोजित करने का ठेका बेंगलुरु की कंपनी एडुक्विटी करियर टेक्नोलॉजी लिमिटेड को दिया है। जबकि केंद्र सरकार इस कंपनी को ऑनलाइन एग्जाम कराने के लिए अपात्र घोषित कर चुकी है।

इस पूरे मामले पर राज्य सरकार ने चुप्पी साध ली है। वहीं, छात्रों ने मोर्चा खोल दिया है। राष्ट्रीय युवा बेरोजगार संगठन (NEYU) के रंजीत किसानवंशी ने कहा, 'व्यापमं में घोटालों की सीरीज चल रही है। पहले डॉक्टर भर्तियों में घोटाला हुआ, फिर कृषि भर्ती परीक्षा में घोटाला हुआ और इस बार पटवारी भर्ती में घोटाला हुआ। व्यापम के भीतर जो माफिया और दलाल बैठे हैं वो निरंतर प्रदेश के युवाओं के भविष्य का सौदा कर रहे हैं।'

रंजीत किसान वंशी ने आगे कहा, 'एनआरआई एग्जाम सेंटर में ऐसी कौन की दिव्य शक्ति थी की यहां जिन्होंने एग्जाम दिया वो टॉप कर गए। सवाल ये भी है कि केंद्र सरकार ने जिस कंपनी को ब्लैकलिस्ट कर रखा है उसे व्यापम ने एग्जाम कराने का ठेका क्यों दिया? यह कंपनी पेपर लीक करने में पहले से ब्लैक लिस्टेड है।' रंजीत ने कहा कि हम यह मामला कोर्ट में उठाएंगे।