चंबल नदी अवैध रेत उत्खनन: NGT ने शिवराज सरकार को फटकारा, मांगी एक्शन रिपोर्ट

कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह की याचिका पर सुनवाई करते हुए एनजीटी ने कहा कि हमें रिपोर्ट नहीं एक्शन चाहिए, 11 मार्च को होगी अगली सुनवाई

Updated: Feb 10, 2022, 11:26 AM IST

Photo Courtesy: Patrika
Photo Courtesy: Patrika

भोपाल। मध्य प्रदेश में अवैध रेत उत्खनन मामले में सरकार की चौतरफा किरकिरी हो रही है। नर्मदा नदी में अवैध उत्खनन को लेकर जबलपुर हाईकोर्ट की फटकार के बाद अब एनजीटी ने भी शिवराज सरकार को फटकारा है। नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने चंबल नदी में अवैध उत्खनन को लेकर सरकार से एक्शन रिपोर्ट भी मांगी है।

दरअसल, पूर्व मंत्री व कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने चंबल नदी में हो रहे उत्खनन को लेकर एनजीटी में याचिका लगाई है। सिंह की इस याचिका पर गुरुवार को एनजीटी कोर्ट सुनवाई हुई। याचिका में कांग्रेस विधायक गोविंद सिंह ने चंबल नदी में रेत के अवैध खनन से हो रहे नुकसान को लेकर सवाल उठाए थे।

यह भी पढ़ें: नर्मदा में अवैध रेत खनन के लिए कलेक्टर जिम्मेदार, HC की टिप्पणी को दिग्विजय सिंह ने बताया ऐतिहासिक

उन्होंने याचिका में इस बात पर ध्यान आकर्षित किया था कि, रेत के अवैध खनन के चलते न केवल नदी के अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है बल्कि, चंबल नदी में मगरमच्छों और उसके अंडो को भी नष्ट किया जा रहा है। याचिकाकर्ता ने आरोप लगाया था कि सरकार खनन माफियाओं के खिलाफ कोई कदम नहीं उठा रही है।

मामले पर सुनवाई करते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने न केवल राज्य सरकार को फटकार लगाई बल्कि कड़े कदम उठाने के निर्देश भी दिए। राज्य सरकार ने एनजीटी को कहा कि वह मामले में जल्द ही अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इस पर एनजीटी ने कड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि हमें रिपोर्ट नहीं बल्कि एक्शन टेकन रिपोर्ट चाहिए है। अब मामले की अगली सुनवाई 11 मार्च को तय की गई है।