युवाओं को ड्रग्स के साथ रील और मोबाइल की लत से भी दूर रहना आवश्यक, तभी देश विकास करेगा: खेल मंत्री

मांडविया ने युवाओं से अपील की कि वे नशे की आदतों, सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने और मोबाइल की लत से बचें। उन्होंने कहा, 'युवाओं की ऊर्जा देश की सबसे बड़ी पूंजी है। अगर ये ऊर्जा नशे या मोबाइल में बर्बाद होगी, तो राष्ट्र का नुकसान होगा।

Updated: Jul 20, 2025, 04:29 PM IST

वाराणसी। केंद्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने देश के युवाओं को ड्रग्स, रील्स और मोबाइल की लत से दूर रहने की सलाह दी है। उनका कहना है कि यदि युवा अपनी ऊर्जा का सही दिशा में उपयोग करें, तो भारत को विकास की नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जा सकता है।

वाराणसी के रुद्राक्ष कन्वेंशन सेंटर में ‘युवा आध्यात्मिक शिखर सम्मेलन’ की शुरुआत करने के बाद डॉ. मांडविया ने ‘विकसित भारत के लिए नशामुक्त युवा’ विषय पर आयोजित संगोष्ठी को संबोधित करते हुए कहा कि भारत तभी विकसित हो सकता है जब युवा नशे के साथ-साथ मोबाइल और रील की लत से भी दूर रहें।

कार्यक्रम में बड़ी संख्या में युवा खिलाड़ी, छात्र और शिक्षक शामिल हुए। मांडविया ने युवाओं से अपील की कि वे नशे की आदतों, सोशल मीडिया पर समय बर्बाद करने और मोबाइल की लत से बचें। उन्होंने कहा, 'युवाओं की ऊर्जा देश की सबसे बड़ी पूंजी है। अगर ये ऊर्जा नशे या मोबाइल में बर्बाद होगी, तो राष्ट्र का नुकसान होगा। लेकिन यदि यही ऊर्जा खेल, पढ़ाई और राष्ट्र निर्माण में लगेगी, तो भारत फिर से विश्व गुरु बन सकता है।'

मंत्री ने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ‘फिट इंडिया’ और ‘खेलो इंडिया’ अभियान सिर्फ खेल तक सीमित नहीं है, बल्कि यह युवाओं को सशक्त और आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक बड़ा प्रयास है। मांडविया ने रील्स और सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव पर चिंता जताते हुए कहा कि रील्स के पीछे भागने से हम रियल लाइफ से दूर होते जा रहे हैं। सोशल मीडिया का इस्तेमाल करें, लेकिन उसके गुलाम न बनें।

उन्होंने धार्मिक और सामाजिक क्षेत्र से जुड़े नेताओं से युवाओं में नशे की लत से दूर रहने के बारे में जागरूकता फैलाने के लिए अपने मंचों का उपयोग करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि एक शिविर या सीमित प्रयास पर्याप्त नहीं हैं, हमें एक जन आंदोलन की आवश्यकता है, जहां प्रत्येक नागरिक कम से कम पांच अन्य लोगों को नशा विरोधी अभियान में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का संकल्प लें।

कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कई युवा खिलाड़ियों से संवाद किया और उनकी उपलब्धियों की सराहना की। साथ ही देश भर में खेल संस्कृति को बढ़ावा देने की बात दोहराई। एक आधिकारिक बयान के अनुसार इस शिखर सम्मेलन में देश भर के 122 आध्यात्मिक और सामाजिक सांस्कृतिक संगठनों के 600 से अधिक प्रतिभागी शामिल हुए।