जस्टिस वर्मा के खिलाफ महाभियोग लाएगी सरकार, प्रस्ताव पर 100 से अधिक सांसदों ने किया हस्ताक्षर: किरेन रिजिजू

जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा के मानसून सत्र में सरकार लेकर आ रही है। किरेन रिजिजू ने बताया कि इस प्रस्ताव पर अब तक 100 से ज्यादा सांसद अपने हस्ताक्षर कर दिये हैं।

Updated: Jul 20, 2025, 03:51 PM IST

नई दिल्ली। संसद के मानसून सत्र में जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग का प्रस्ताव लाया जाएगा। संसदीय कार्य मंत्री किरण रिजिजू ने इसकी जानकारी दी है। जस्टिस यशवंत वर्मा के खिलाफ महाभियोग प्रस्ताव लोकसभा के मानसून सत्र में सरकार लेकर आ रही है। किरेन रिजिजू ने बताया कि इस प्रस्ताव पर अब तक 100 से ज्यादा सांसद अपने हस्ताक्षर कर दिये हैं। 

बता दें कि जस्टिस यशवंत वर्मा का इकलौता ऐसा मुद्दा है, जिस पर पक्ष और विपक्ष दोनों एकमत नजर आ रहे हैं। बताया जा रहा है कि कांग्रेस के 35 सांसदों ने इस प्रस्ताव पर अपने हस्ताक्षर किए हैं, जिसमें नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी भी शामिल हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, सरकार की तरफ से सभी पार्टियों को एक कोटा दिया गया था। कांग्रेस पार्टी के 40 सांसदों को इस प्रस्ताव पर हस्ताक्षर करने थे और सभी सांसदों ने हस्ताक्षर कर दिए हैं। दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस यशवंत वर्मा के घर कथित तौर पर नोटों की अधजली गड्डियां मिलने के बाद सुप्रीम कोर्ट के कॉलेजियम ने उनका तबादला इलाहाबाद हाई कोर्ट करने की सिफारिश की थी।

केंद्र सरकार ने शुक्रवार को इस सिफारिश पर अपनी मुहर लगा दी। सरकार की मंजूरी मिलने के बाद जस्टिस यशवंत वर्मा को इलाहाबाद हाई कोर्ट में कार्यभार संभालने के लिए कहा गया है। उधर, जस्टिस यशवंत वर्मा ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने इन-हाउस कमेटी की रिपोर्ट और महाभियोग की सिफारिश रद्द करने का अनुरोध किया।

जस्टिस वर्मा का तर्क है कि उनके आवास के बाहरी हिस्से में नकदी बरामद होने मात्र से यह साबित नहीं होता कि वे इसमें शामिल हैं। क्योंकि आंतरिक जांच समिति ने यह तय नहीं किया कि नकदी किसकी है या परिसर में कैसे मिली। समिति के निष्कर्षों पर सवाल उठाते हुए उनका तर्क दिया है कि ये अनुमान पर आधारित है। याचिका में जस्टिस वर्मा का नाम नहीं है, बल्कि सुप्रीम कोर्ट डायरी में इसे ‘XXX बनाम भारत सरकार व अन्य’ के टाइटल से दर्ज किया गया है।