क्या सरकार पर कोई नियम कानून लागू नहीं होते, नर्सिंग फर्जीवाड़ा मामले में HC ने शिवराज सरकार को फटकारा

ऐसा लगता है, अब तो प्राइवेट कॉलेज से ज्यादा, सरकारी नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़ा हो रहा है, शिवराज सरकार को ग्वालियर हाईकोर्ट ने जमकर फटकारा 

Updated: Jul 12, 2023, 06:29 PM IST

ग्वालियर। मध्य प्रदेश में प्री नर्सिंग चयन परीक्षा से जुड़ी बड़ी खबर सामने आई है। मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने प्री नर्सिंग चयन परीक्षा 2023 के रिजल्ट पर रोक लगा दी है। हाईकोर्ट ने शिवराज सरकार को फटकार लगाते हुए पूछा है कि क्या प्रदेश सरकार पर कोई नियम लागू नहीं होता है? न्यायालय ने राज्य सरकार से लिखित में जवाब मांगा है।

हाईकोर्ट ने बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य सरकार को लताड़ते हुए कहा कि 2022-23 सत्र की एडमिशन परीक्षा जो पिछले साल करानी थी, वो अब करा रहे हैं, यह तो हद हो गई। ऐसा लगता है, अब तो प्राइवेट कॉलेज से ज्यादा, सरकारी नर्सिंग कॉलेज में फर्जीवाड़ा हो रहा है।

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दरअसल, प्रदेश सरकार के निर्देश पर प्रदेश में प्री नर्सिंग चयन परीक्षा हुई थी। राज्यभर में 7 से 9 जुलाई तक ये परीक्षाएं आयोजित हुई थी। जिसमें प्रदेश के सरकारी कॉलेजों के 1050 सीट के लिए 66 हजार अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी। जबकि यह परीक्षा अगस्त 2022 में होनी थी।

याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में कहा कि जो शैक्षणिक सत्र निकल चुका है, उसकी प्रवेश परीक्षा आयोजित करवाने का क्या मतलब है। हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद प्रदेश के सभी 375 कालेजों की जांच केंद्रीय जांच ब्यूरो से कराने के निर्देश दिए।

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हाईकोर्ट के निर्देश को कांग्रेस की छात्र संगठन एनएसयूआई ने सत्ताधारी दल के मुंह पर तमाचा करार दिया है। एमपी एनएसयूआई मेडिकल विंग के संयोजक रवि परमार ने कहा, "चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने प्रदेश में नर्सिंग एजुकेशन को बर्बाद कर दिया है। एमपी दुनिया का इकलौता ऐसा जगह है जहां नर्सिंग स्टूडेंट्स पिछले तीन साल से फर्स्ट ईयर में ही हैं। हद्द तो ये हो गई की 2022 से शुरू होने वाले सत्र की एंट्रेंस एग्जाम 2023 में हुई। सरकार की नाकामियों का इससे बड़ा उदाहरण क्या हो सकता है। हम माननीय उच्च न्यायालय से आग्रह करते हैं कि लाखों स्टूडेंट्स के भविष्य से खिलवाड़ करने वाले मंत्री सारंग को जेल भेजने का निर्देश दिया जाए।