मध्य प्रदेश में दिखने लगा ठंड का असर, कई शहरों में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से कम

मध्यप्रदेश में इस समय उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जो जल्द ही उत्तर-पश्चिमी हो सकती हैं।

Updated: Nov 07, 2024, 10:59 AM IST

मध्यप्रदेश में इस समय उत्तर-पूर्वी हवाएं चल रही हैं, जो जल्द ही उत्तर-पश्चिमी हो सकती हैं। पहाड़ों पर बर्फबारी होने पर प्रदेश के तापमान में और गिरावट होने की उम्मीद है। उत्तर-पश्चिमी हवाओं का सबसे ज्यादा असर ग्वालियर-चंबल संभाग में रहेगा, जो प्रदेश के सबसे ठंडे क्षेत्र बन सकते हैं। 15 नवंबर से सुबह-शाम धुंध बढ़ने का अनुमान है। फिलहाल प्रदेश के 6 शहरों में तापमान 15 डिग्री सेल्सियस से नीचे पहुंच गया है। पचमढ़ी और अमरकंटक सबसे ठंडे हैं, जहां पचमढ़ी में तापमान 11.2 डिग्री सेल्सियस और अमरकंटक में 13.1 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। नर्मदापुरम और अनूपपुर सबसे ठंडे जिले हैं, जबकि मंडला, शाजापुर, सीहोर, और शहडोल का तापमान भी 15 डिग्री से नीचे है। भोपाल, नौगांव, छिंदवाड़ा, बैतूल और अन्य कई शहरों का पारा 18 डिग्री सेल्सियस से कम रिकॉर्ड किया गया है।

 

दिन के समय भी पचमढ़ी सबसे ठंडा रहा, जहां अधिकतम तापमान 26.8 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि बैतूल, नौगांव और मलाजखंड में यह 30 डिग्री के नीचे रहा। नवंबर के पहले सप्ताह में ऐसा ट्रेंड आम है, और उत्तर भारत में बर्फबारी के बाद मध्यप्रदेश में ठंड बढ़ने लगती है। इस बार नवंबर के दूसरे सप्ताह में उत्तर से ठंडी हवाएं आने की संभावना है, जिससे ठंड का असर और भी बढ़ सकता है। पिछले एक दशक से यह ट्रेंड देखा जा रहा है।

 

दक्षिण-पश्चिम मानसून की समाप्ति के बाद प्रदेश का मौसम सामान्य रहता है, लेकिन आसमान बादलों से घिरा होता है। अक्टूबर की उमस अब महसूस नहीं होती, और रात का तापमान धीरे-धीरे गिरने लगता है। पश्चिमी विक्षोभ के प्रभाव से ग्वालियर-चंबल, भोपाल, इंदौर, उज्जैन और जबलपुर समेत कई संभागों में हल्की बारिश हो सकती है, जिससे दिन का तापमान 30 डिग्री और रात का 15 डिग्री सेल्सियस के नीचे रहने का अनुमान है।