कोई भी स्पीकर नहीं चाहेगा कि सदन के सदस्य निलंबित किए जाएं, सांसदों के निलंबन पर भोपाल में बोले ओम बिरला

मेरा मानना है कि कानून सही है तो प्रतिपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा होनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा: ओम बिरला

Updated: Jan 09, 2024, 04:50 PM IST

भोपाल। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला अपने दो दिवसीय भोपाल दौरे पर हैं। वे यहां मध्य प्रदेश विधानसभा के नवनिर्वाचित सदस्यों के प्रबोधन कार्यक्रम में शामिल होने के लिए आए हैं। मंगलवार को प्रभोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने प्रदेश के नवनिर्वाचित विधायकों को संसदीय शिष्टाचार और आचरण की सीख दी।

कार्यक्रम का उद्घाटन करने के बाद मीडिया से चर्चा में
बिरला ने संसद से सदस्यों के निलंबन को लेकर कहा कि कोई भी स्पीकर नहीं चाहेगा कि उसकी अध्यक्षता वाले सदन के सदस्यों का निलंबन हो। लेकिन संसद की भी कुछ मर्यादा होती हैं, सदस्यों को इसका ध्यान रखना चाहिए।' बता दें कि पिछले महीने ही संसद के शीतकालीन सत्र में सुरक्षा चूक को लेकर गृहमंत्री से सवाल पूछने पर उन्होंने करीब 100 लोकसभा सांसदों को निलंबित कर दिया था।

इससे पहले प्रबोधन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, 'मेरा मानना है कि कानून सही है तो प्रतिपक्ष को सहयोग करना चाहिए। अगर सही नहीं है तो चर्चा होनी चाहिए। कानून बनाते समय तर्कों से चर्चा करें तो कानून बेहतर बनेगा।' लोकसभा अध्यक्ष ने आगे कहा, 'विधानसभा में सत्रों की संख्या नहीं घटनी चाहिए। पहली बार के विधायकों को सदन में ज्यादा बोलने का मौका मिलना चाहिए। श्रेष्ठ विधायक वही बन सकता है, जो पूरे समय सदन में रहे। अगर आपको सिर्फ विधायक बनना है तो आकर चले जाएं और प्रदेश का नेता बनना है तो पूरे समय सदन में रहें।'

बिरला ने कहा, '16वीं विधानसभा में 69 सदस्य पहली बार चुनकर आए हैं, उनको सीनियर विधायकों के अनुभवों का लाभ मिलना चाहिए। हमारा प्रयास होना चाहिए कि जितना अनुभव प्राप्त करें, उसका लाभ विधानसभा के माध्यम से जनता को मिले। जनता की अपेक्षाओं पर खरा उतरें। सदन में अच्छी चर्चा-बहस होगी तो अच्छा परिणाम आएगा। प्रश्नकाल में विधायक तैयारी के साथ सवाल पूछेंगे तो मंत्री को भी तैयारी से आना पड़ेगा।'