OBC महासभा ने भेजा जेपी नड्डा को नोटिस, ओबीसी वर्ग के अपमान कर आरोप

ओबीसी महासभा का कहना है कि राहुल गांधी के मुद्दे पर जेपी नड्डा ने ओबीसी समुदाय का अपमान किया, इसलिए उन्हें माफ़ी मांगनी होगी

Publish: Apr 05, 2023, 09:14 AM IST

भोपाल। राहुल गांधी के मोदी सरनेम वाले बयान को लेकर चर्चा थमने का नाम नहीं ले रही है। बीजेपी नेताओं द्वारा राहुल गांधी पर लगाए जा रहे आरोपों के बीच ओबीसी महासभा ने बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा को ही निशाने पर ले लिया।

ओबीसी महासभा ने जेपी नड्डा पर ओबीसी वर्ग का अपमान करने का आरोप लगाया है और जवाब देने के लिए बीजेपी नेता को 24 घंटे की मोहलत दी है। नड्डा को यह नोटिस ओबीसी महासभा के राष्ट्रीय कोर कमेटी के सदस्य धर्मेंद्र कुशवाह की ओर से यह नोटिस भेजा गया है। 

ओबीसी महसभा से जेपी नड्डा को यह नोटिस उनके एक ट्वीट के सिलसिले में भेजा है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा था कि उनके मोदी सरनेम वाले बयान से पूरे ओबीसी समाज का अपमान हुआ है। 

ओबीसी महासभा की तरफ से भेजे गए जेपी नड्डा को नोटिस में कहा गया है कि मोदी सरनेम सरकारी रिकॉर्ड में कहीं भी ओबीसी वर्ग में चिन्हित नहीं है। ऐसे में राहुल गांधी का बयान ओबीसी विरोधी नहीं है क्योंकि उन्होंने सिर्फ मोदी शब्द का इस्तेमाल किया न कि ओबीसी वर्ग का। इसलिए मोदी सरनेम को बेवजह घसीटे जाने का कोई तुक नहीं है। ओबीसी महासभा के मुताबिक बीजेपी ओबीसी वर्ग को ढोलक की तरह हर तरफ से बजा रही है। 

राहुल गांधी को मानहानि के मामले में सजा हुई है। सूरत की एक अदालत ने राहुल गांधी को मानहानि के मामले में दोषी करार देते हुए दो साल की सजा सुनाई है। यह सजा पिछले लोकसभा चुनाव के दौरान कर्नाटक के कोलार में दिए उनके उस बयान के संबंध में हुई है जिसमें उन्होंने देश छोड़कर भागे हुए भगोड़े कारोबारियों नीरव मोदी और ललित मोदी को लेकर पूछा था कि नरेंद्र मोदी, नीरव मोदी और ललित मोदी, इन सबके नाम में मोदी क्यों है? 

बीजेपी नेता पूर्णेश मोदी द्वारा दायर की गई याचिका में यह दावा किया कि राहुल गांधी के इस बयान से पूरे ओबीसी वर्ग का अपमान हुआ है। जबकि राहुल गांधी खुद भी यह बात कोर्ट में कह चुके हैं कि उनका बयान एक राजनीतिक बयान था। सूरत के सेशंस कोर्ट में दायर सजा के ख़िलाफ़ अपनी याचिका में उन्होंने कहा भी है कि उन्हें जानबूझकर दो साल की सजा दी गई ताकि उनकी संसद की सदस्यता रद्द हो जाए।