सीधी में एक बार फिर आदिवासी युवक से बर्बरता, पुलिसकर्मियों ने लॉकअप में निर्वस्त्र कर पीटा

मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासियों पर अत्याचार में देश में नंबर 1 है, लेकिन मोहन यादव जी की सरकार में उनकी पुलिस आदिवासियों की रक्षा करने की जगह ख़ुद ही अत्याचार कर रही है: कमलनाथ

Updated: Aug 27, 2024, 07:08 PM IST

सीधी। मध्य प्रदेश में आदिवासियों के साथ अत्याचार की घटनाएं नहीं थम रही हैं। सीधी जिले में एक बार फिर आदिवासी युवक से बर्बरता की खबर आई है। जिले के अमिलिया थाने में आदिवासी युवक को पुलिसकर्मियों ने युवक को घर से उठाकर लॉकअप में बंद कर दिया। फिर निर्वस्त्र कर बेरहमी से उसे पीट दिया। युवक ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक से की। 

कोदौरा गांव का आदिवासी युवक कन्हैयालाल पिता श्रीलाल कोल सोमवार को एसपी कार्यालय पहुंचा और अपने साथ हुई ज्यादती की शिकायत एसपी से की। उसे एसपी को बताया कि रविवार को तीन पुलिसकर्मी उसके घर आए और थाने चलने के लिए कहा। पुलिसकर्मियों का कहना था कि उसके खिलाफ संखलाल वर्मा ने शिकायत की है। 

युवक के मुताबिक वह जब थाने पहुंचा तो उसे लॉकअप में बंद कर दिया गया। वहां, पुलिसकर्मियों ने कपड़े उतरवाकर उसे बुरी तरह से पीटा। उसे इतना पीटा गया कि उसके शरीर पर कई जगह काले निशान बन गए। मामला सामने आने के बाद एसपी ने चुरहट एसडीओपी को जांच सौंपते हुए आरोपी एसआई ऋषि द्विवेदी को थाना से हटा दिया है।

वहीं, घटना को लेकर कांग्रेस ने राज्य सरकार पर हमला बोला है। पूर्व सीएम कमलनाथ ने ट्वीट किया, 'मध्य प्रदेश पहले ही आदिवासियों पर अत्याचार में देश में नंबर 1 है, लेकिन मोहन यादव जी की सरकार में उनकी पुलिस आदिवासियों की रक्षा करने की जगह ख़ुद ही अत्याचार कर रही है।' 

उन्होंने आगे लिखा, 'सीधी ज़िले में एक आदिवासी युवक को लॉकअप में निर्वस्त्र कर पीटना अमानवीयता और क्रूरता की हद है। देश अभी भुला नहीं है कि इसी सीधी में आदिवासी युवक के सिर पर पेशाब करने की घटना हुई थी। भाजपा सरकार के ही दौरान नेमावर में आदिवासी बच्ची और उसके परिवार को ज़िंदा दफ़ना दिया गया था। मैं मुख्यमंत्री से माँग करता हूँ कि इस जघन्य घटना में दोषियों पर सख़्त से सख़्त कार्रवाई की जाए।'