कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने खड़ा किया नया विवाद, बोले- सोमेश्वर मंदिर में शिव को कर रखा है कैद

बिना पढ़ाई किए परीक्षा पास कराने का दावा कर सुर्खियों में आए थे पंडित प्रदीप मिश्रा, रायसेन में कथा के दौरान दिया भड़काऊ भाषण, युवा कांग्रेस ने बताया आरएसएस का एजेंट

Updated: Apr 06, 2022, 01:14 PM IST

रायसेन। कथावाचक प्रदीप मिश्रा ने एक नया विवाद खड़ा कर दिया है। मध्य प्रदेश के रायसेन में आयोजित एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने भड़काऊ भाषण दिया। प्रदीप मिश्रा ने कहा कि सोमेश्वर महादेव मंदिर में भगवान शिव को कैद कर रखा गया है। यूथ कांग्रेस ने मिश्रा को आरएसएस का एजेंट करार देते हुए कहा है कि चुनाव पूर्व उन्हें टूल के रूप में इस्तेमाल किया जा रहा है।

दरअसल, प्रदीप मिश्रा शिव महापुराण कथा सुनाने रायसेन पहुंचे हैं। मंगलवार को कथा के बीच उन्होंने वहां बैठे जनसमूह से कहा कि, 'रायसेनवासियों! सबका दाता, सबका पिताजी, सबका बुजुर्ग, सबका बाप कैद में पड़ा है और सब दीपावली पर गुजिया, पपड़ी खा लेते हो, धिक्कार है रायसेनवासियों। शिव मंदिर में ताला डला है और आप लोग दीवाली मना रहे हो। शंकर के मंदिर में ताला लगा हो और सब लड्डू खा रहे हैं। ये सबके लिए शर्म की बात है। देश आजाद हो गया है, लेकिन आज तक मेरा शंकर आजाद नहीं हुआ। अरे... आसपास कोई तालाब हो तो चुल्लू भर पानी भरकर ले आओ।'

प्रदीप मिश्रा ने आगे कहा कि, 'प्रदेश के मुख्य मंत्री शिवराज हैं और उनके राज्य में शिव कैद में हैं, तो राज्य किसी काम का नहीं है। वे इस प्रदेश के राजा हैं, उन्होंने मध्यप्रदेश को चार चांद लगाए हैं, एक और चांद लगाएं। जनता उनके साथ में खड़ी है। हमारे सीएम शिवराज सनातनी हैं, हमारे गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा सनातनी हैं, देश के प्रधानमंत्री भी सनातनी हैं। मैं उनसे अपील करता हूं, मैं चाहता हूं कि वे शंकर को कैद से बाहर निकलवाएं।'

मिश्रा के इस बयान पर बीजेपी एमएलए रामेश्वर शर्मा ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, 'रायसेन के प्रशासन से बात करेंगे। कोई भी भगवान मंदिर में कैद नहीं रहेंगे। हर भगवान के मंदिर में आरती होगी, महाआरती होगी।' वहीं कांग्रेस ने इसे रायसेन समेत पूरे प्रदेश में महौल खराब करने की कोशिश बताया है। साथ ही दावा किया है कि कथावाचक आरएसएस के लिए टूल की तरह काम कर रहे हैं।

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यूथ कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव प्रवक्ता आनंद जाट ने कहा कि, 'मैं खुद सीहोर जिले का निवासी हूं और प्रदीप मिश्रा के रग-रग से वाकिफ हूं। पहले जानबूझकर उनका परमिशन रोका गया ताकि हीरो बनाया जाए, जिससे ज्यादा लोग उन्हें सुनें और उनकी बातों में बह जाएं। अब वे उल्टी-सीधी बातें कर रहे हैं, ताकि धार्मिक उन्माद फैल सके। इनका सनातन धर्म से कोई लेना देना नहीं है। एक सोची समझी रणनीति के तहत वे काम कर रहे हैं। प्रयास ये है कि किस तरह शिवराज सरकार की नाकामियों पर पर्दा डालकर जनता का ध्यान भटकाया जाए।'

बता दें कि हाल ही में प्रदीप मिश्रा का एक वीडियो सामने आया था जिसमें वे बिना पढ़ाई किए परीक्षा पास कराने की गारंटी दे रहे थे। मिश्रा ने एक ऊलजलूल नुस्खा बताते हुए दावा किया था कि बेलपत्र पर शहद लगाकर भगवान शिव को चढ़ाने से वो व्यक्ति भी परीक्षा में पास हो जाता है जिसने सालभर पढ़ाई नहीं की हो।

मिश्रा जिस मंदिर की बात कर रहे थे वहां पुरातत्व विभाग ने ताला लगा रखा था। सन 1974 तक यहां कोई प्रवेश कर पाता था। कांग्रेस सरकार के तत्कालीन मुख्यमंत्री प्रकाश चंद सेठी ने खुद मंदिर पहुंचकर ताले खुलवाए थे और महाशिवरात्रि पर मंदिर परिसर में एक विशाल मेले का आयोजन किया था। तब से साल में एक बार महाशिवरात्रि के दिन ही मंदिर के ताले खोलने की व्यवस्था लागू की गई जो आज भी जारी है। सोमेश्वर महादेव बाबा के कुछ भक्त ऐसे हैं, जो सालभर यहां माथा टेकने आते हैं। मंदिर का ताला बंद रहता है, लेकिन भक्त गेट के बाहर से ही बाबा सोमेश्वर की पूजा करने आते हैं। यहां लोहे के दरवाजे पर ये भक्त कलावा और कपड़ा बांध जाते हैं।