मंत्रालय समेत राज्य स्तरीय दफ्तरों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी को राहत, सामान्य प्रशासन ने जारी किया आदेश

प्रथम अथवा दुतीय श्रेणी के अधिकारियों की उपस्थिति शत प्रतिशत रहेगी।

Updated: Apr 11, 2021, 01:59 PM IST

Photo courtesy: bhaskar
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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना बेकाबू हो चला है।इसका असर सरकारी तंत्र पर दिखाई देने लगा है।राज्य शासन ने सरकारी कार्यालयों में कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित कर दी गई है। सामान्य प्रशासन को ओर से इस संबंध में रविवार को आदेश जारी किया गया है।जारी आदेश के मुताबिक मंत्रालय व राज्यस्तरीय कार्यालयों में तृतीय व चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों की उपस्थिति 25 प्रतिशत रोटेशन में होगी।वहीं प्रथम व दुतीय श्रेणी के अधिकारियों की उपस्थिति शत प्रतिशत होगी।बाक़ी जिलों में इस संबंध में कलेक्टर निर्णय लें सकेंगे।

सामान्य प्रशासन द्वारा जारी आदेश में कलेक्टर को ज़िले अथवा संभाग में लॉक डाउन लगाने या आंशिक रूप से संचालित करने के अधिकार दिए गए हैं। आदेश में कहा गया है अधिकारीयों अथवा कर्मचारीयों को कोरोना गाइडलाइन का पालन करने, मास्क लगाने, सोशल डिस्टेंसीन का पालन करने व अन्य सावधानियां रखने की जिम्मेदारी कार्यालय के प्रभारी अधिकारी की होगी।

कोरोना संक्रमण की दूसरी लहर में मंत्रालय में अब तक 46 कर्मचारी कोविड़ -19 की चपेट में आ चुके हैं। बीते साल कोरोना संक्रमण से मरने वाले मरीजों का आंकड़ा 126 का था। 

गौरतलब है कि मंत्रालय कर्मचारी संघ के पदाधिकारी ने इसी हफ़्ते मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को एक ज्ञापन दिया था। ज्ञापन में   कर्मचारियों की उपस्थिति 50 प्रतिशत करने की मांग की गई थी।मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार शुक्रवार को मंत्रालय के रजिस्ट्रार ने सामान्य प्रशासन विभाग के अपर मुख्य सचिव को प्रस्ताव भेजा था।जिसमे कहा गया गृह विभाग सहित कई विभागों के कर्मचारी कोरोना संक्रमित हो रहे हैं। लिहाज़ा कर्मचारियों की उपस्थिति सीमित की जाए।

उल्लेखनीय है लोक निर्माण विभाग के मुख्यालय में एक कर्मचारी की कोरोना की वज़ह से मौत हो चुकी है। ऐसे में लोक निर्माण कार्यलय में बाहरी व्यक्तियों के प्रवेश पर रोक लगा दी गई है। प्रदेश में बीते 24 घंटे में कोरोना के 5939 नए मामले सामने आए हैं। इस दौरान 24 मौतें हो चुकी है।