एमपी में ब्लैक फंगस का बढ़ा खतरा, अब तक 537 केस, 31 मरीज़ों की मौत

ब्लैक फंगस की बढ़ती तादाद ने सरकार की बढ़ाई चिंता... इंजेक्शन की कालाबाजारी रोकने के लिए टास्क फोर्स का गठन.. सरकार के दो मंत्री रखेंगे निगाह, 5 मेडिकल कॉलेज इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में ब्लैक फंगस का नि:शुल्क उपचार

Updated: May 19, 2021, 05:22 AM IST

Photo courtesy: amarujala
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भोपाल। मध्यप्रदेश में कोरोना के मामले घट रहे हैं, लेकिन अब ब्लैक फंगस के केस तेजी से बढ़ते जा रहे हैं। प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 573 मरीज मिल चुके हैं। जिनमें से 31 मरीजों की मौत भी हो चुकी है। कोरोना संक्रमण के बाद सरकार अब ब्लैक फंगस पर फोकस कर रही है। प्रदेश में ब्लैक फंगस के इलाज में इस्तेमाल होनेवाला इंजेक्शन बेहद कम है। ऊपर से बाजारों में इसकी कालाबाजारी होने लगी है।

सरकार ने एंटी फंगल दवाओं और वैक्सीन की कालाबाज़ारी से निपटने के लिए टास्क फोर्स का गठन किया है। इसमें सरकार के दो मंत्रियों को शामिल किया गया हैं। टास्क फोर्स में सरकार के स्वास्थ्य मंत्री डॉ. प्रभुराम चौधरी, चिकित्सा स्वास्थ्य मंत्री विश्वास सारंग सहित एसीएस एसपी दुबे और हमीदिया अस्पताल के अधीक्षक लोकेंद्र दवे को भी शामिल किया गया है। मुख्यमंत्री शिवराज ने कहा कि प्रदेश में ब्लैक फंगस की पहचान प्राथमिक अवस्था में ही कर हर मरीज का उपचार करें। इस कार्य को जन-आंदोलन का रूप दिया जाए तथा हर जिले में इसकी जांच की व्यवस्था हो। इस कार्य में निजी डॉक्टरों का भी पूरा सहयोग लिया जाए।

 प्रदेश में अब तक ब्लैक फंगस के 573 मरीज मिले हैं। इसकी रोकथाम और उपचार के लिए स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ गई है। इसी बीच ब्लैक फंगस के एंटी फंगल इंजेक्शन के लिए मारामारी भी मच गई है। बाजार में इंजेक्शन की कालाबाजारी हो रही है। सरकार कालाबाजारी रोकने के लिए टास्क फोर्स के अलावा कानूनी कार्यवाही करने के निर्देश भी दे रही है।

प्रदेश में 5 मेडिकल कॉलेज इंदौर, भोपाल, ग्वालियर, जबलपुर और रीवा में ब्लैक फंगस का नि:शुल्क उपचार किया जा रहा है। चिकित्सा शिक्षा मंत्री विश्वास सारंग ने बताया कि ब्लैक फंगस की जांच के लिए जिलों में नि:शुल्क नेजल एंडोस्कॉपी की व्यवस्था की जा रही है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज में भी इसकी नि:शुल्क जांच के लिए डेस्क बनाई जा रही है।

मंत्री ने कहा, ब्लैक फंगस के इलाज में लगने वाले एम्फोटेरिसिन-बी इंजेक्शन सरकारी अस्पतालों के अलावा प्राइवेट अस्पतालों को भी उपलब्ध कराए जाएंगे। प्रदेश में ढाई हजार एम्फोटेरिसिन इंजेक्शन प्राप्त हो गए हैं। जबकि 10 हजार इंजेक्शन शीघ्र ही मॉयलान कंपनी के प्रदेश को मिल जाएंगे।