बांधवगढ़ में एक सप्ताह के भीतर दो बाघों की मौत, छीन सकता है टाइगर स्टेट का तमगा
प्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्वों में लगातार बाघों की मौत हो रही हैं। इसी साल बाघों की गणना संबंधी आंकड़े भी जारी होने हैं
उमरिया। टाइगर स्टेट मध्य प्रदेश में बीते एक सप्ताह में दो बाघों की मौत हो चुकी है। दूसरे बाघ का शव बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व के मानपुर परिक्षेत्र से संदिग्ध हालत में मिला। इसके पहले रविवार को भी एक बाघिन घायल अवस्था में मिली थी, इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई। डॉक्टरों ने बताया कि बाघिन के शरीर पर गहरी चोट के निशान थे जिस कारण उसकी मौत हो गई। प्रदेश के विभिन्न टाइगर रिजर्वों में लगातार बाघों की मौत हो रही है। इसी साल बाघों की गणना संबंधी आंकड़े भी जारी होने हैं।
बाघों की मौत के मामले में मध्य प्रदेश पहले स्थान पर है। 2018 में हुई बाघों की गणना के अनुसार मध्यप्रदेश में सबसे अधिक 546 बाघ हैं। बाघों की सबसे अधिक संख्या होने के कारण राज्य को टाइगर स्टेट का दर्जा मिला है। किंतु दुर्भाग्यवश बाघों की मौत के मामले में भी मध्यप्रदेश पहले स्थान पर है। राष्ट्रीय बाघ संरक्षण प्राधिकर की वेबसाइट के मुताबिक 2022 में 36 बाघों की मौत हुई थी। वहीं दूसरे सबसे बड़े बाघों की संख्या वाले राज्य कर्नाटक में 15 बाघों की मौत 2022 में हुई थी।
बता दें कि बाघों की गणना हर चार साल में होती है। पिछली गणना 2018 में हुई थी तब मध्य प्रदेश में सबसे अधिक 526 बाघ थे वहीं कर्नाटक में बाघों की संख्या 524 थी। 2021-22 में देश के सभी राज्यों में बाघों की गणना हुई थी जिसके आंकड़े 29 जुलाई को ग्लोबल टाइगर डे के मौके पर किए जाएंगे।अधिकारियों का दावा है कि मध्य प्रदेश में बाघों की संख्या 700 होगी। इस साल जारी होने वाले आंकड़ों में लगभग 170 बाघों की संख्या बढ़ी है।