छतरपुर में बड़े चट्टान के नीचे दब गईं दो बहनें, एक की मौके पर ही मौत और एक की हालत गंभीर
दोनों बहनें बकरी चराने गईं हुईं थीं और बारिश के कारण चट्टान के नीचे बैठ गईं। घटना छतरपुर के लवकुशनगर स्थित बगमऊ गांव की है। छोटी बहन खुशबू को 112 की मदद से लवकुशनगर अस्पताल रेफर करवाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया है।

छतरपुर। मध्य प्रदेश के छतरपुर में चट्टान के नीचे दो बहनें दब गईं हैं। इस हादसे में बड़ी बहन की मौके पर ही मौत हो गई जबकि दूसरी बहन को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती करवाया गया है। दोनों बहनें बकरी चराने गईं हुईं थीं और बारिश के कारण चट्टान के नीचे बैठ गईं। हादसे के बाद गांव वालों ने दोनों बहनों को निकलाने का पूरा प्रयास किया, लेकिन अंत में जेसीबी की उन्हें बाहर निकाला जा सका।
यह घटना छतरपुर के लवकुशनगर स्थित बगमऊ गांव की है। सोमवार शाम को गांव के ही राजेश रजक की बेटियां खुशबू (10) और सोनम (12) बकरी चराने खेत में गईं थीं। बारिश होने पर दोनों चट्टान के नीचे बैठ गईं। इसी दौरान मिट्टी धंसने से चट्टान दोनों बहनों के ऊपर आ गई। सोनम ने वहीं दम तोड़ दिया जबकि खुशबू गंभीर घायल हो गई। खुशबू को 112 की मदद से लवकुशनगर अस्पताल रेफर करवाया गया। यहां प्राथमिक उपचार के बाद जिला अस्पताल भेजा गया है।
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दोनों बच्चियां अपने चाचा के पास रहती थीं। वहीं बच्चियों के पिता राजेश रजक दिल्ली में मजदूरी करते है। मां भी उन्हीं के साथ रहती है। घर पर दादी कुसुम और चाचा राकेश बच्चों की देखभाल करते हैं। परिवार में एक छोटा बेटा लवकुश (5) है। हादसे के समय घर पर मकान का काम चल रहा था। बच्चियां बकरियां चराने खेत पर गईं थीं। हादसे के बाद वहीं बकरी चरा रही एक महिला ने फोन कर ग्रामीणों को जानकारी दी।
परिजनों का आरोप है कि पास की पत्थर खदान संचालक की लापरवाही से खेत में पत्थरों का ढेर डाला गया था। यहां पर किसी तरह की सुरक्षा व्यवस्था नहीं होने की वजह से यह हादसा हुआ। संदीप रजक (चचेरा भाई) ने बताया कि यह घटना पूरी तरह खदान संचालक की लापरवाही के कारण हुई है।