केंद्रीय मंत्री को परिवहन विभाग से हर महीने जाता था 2 करोड़, सौरभ शर्मा केस में नेता प्रतिपक्ष का बड़ा दावा

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने प्रधानमंत्री मोदी के जीरो टॉलरेंस पर निशाना साधते हुए कहा कि सौरभ शर्मा के फॉ़र्म हाउस से मिले 52 किलोग्राम सोना, 10 करोड़ रुपए और उसके घर पर मिले दस्तावेजों की जांच होनी चाहिए।

Updated: Feb 15, 2025, 02:45 PM IST

भोपाल। आरटीओ के पूर्व आरक्षक सौरभ शर्मा और उसके सहयोगियो की ईडी रिमांड के बीच विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने अब मंत्री गोविंद सिंह राजपूत को घेरा है। सिंघार ने सौरभ शर्मा को लेकर कई सवाल उठाते हुए कहा कि सरकार सौरभ को बचाना चाहती है। उन्होंने कहा कि उसके घर मिले दस्तावेजों की जांच होना चाहिए। 40 दिन फरारी के दौरान वह कहां रहा? किसने मदद की? इसकी कोई जानकारी नहीं है। यह सच सामने आना चाहिए।

नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने मीडिया से चर्चा में कहा कि सौरभ शर्मा की कॉल डिटेल अबतक सार्वजनिक नहीं हुई है। कॉल डिटेल सामने आने के बाद कई अधिकारी और नेता बेनकाब होंगे। उन्होंने आरोप लगाया कि परिवहन विभाग से एक केंद्रीय मंत्री को हर माह 2 करोड़ रुपए जाते थे। उन्होंने मंत्री गोविंद राजपूत को घेरते हुए कहा कि राजपूत ने पूरे रैकेट को सम्भाला। दशरथ पटेल और अलीम खान रिटायर्ड होने के बावजूद भ्रष्टाचार करते रहे। उनके अलावा संजय ढांडे, संजय श्रीवास्तव ने गोविंद सिंह के साथ मिलकर घोटाला किया। 

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सिंघार ने कहा कि एक साल में करीब डेढ़ हजार करोड़ की कमाई होती थी। हर महीने डेढ़ सौ करोड़ की कमाई की जाती थी। इसी से मंत्री गोविंद राजपूत ने वर्ष 2019 से 2024 के बीच कई जमीनें खरीदीं। राजपूत ने पत्नी और बच्चों के नाम 400 करोड़ रुपए की प्रॉपर्टी खरीदी। मंत्री राजपूत ने 200 करोड़ रुपए की प्रापर्टी अपनी सास और रिश्तेदारों के नाम पर ख़रीदी। उन्होंने कहा कि वर्ष 2023 में गोविंद राजपूत ने 134 करोड़ की संपत्ति का ब्योरा एफिडेविट में नहीं दिया।

मंत्री राजपूत पर आरोप लगाते हुए सिंघार ने कहा कि राजपूत ने अपनी काली कमाई का खेला ज्ञान वीर समिति के नाम से किया। वे जमीनें दान करा रहे हैं। इसके लिए एक समिति बनाई गई जिसमें गोविंद सिंह ने पत्नी और बेटे को रखा। समिति को जमीन दान कराई गई, जो जमीन दान की गई वो भी गोविंद सिंह राजपूत के रिश्तेदारों की है। उन्होंने कहा कि दिल्ली की डिफेंस कॉलोनी में गोविंद सिंह राजपूत ने जमीनें खरीदी। सिंघार ने यह भी कहा कि सहारा की जमीन कमलेश बघेल के नाम पर कम कीमत में खरीदी गई। इस दौरान सिंघार ने खरीदी गई प्रापर्टी के दस्तावेजों के रूप में रजिस्ट्री भी मीडिया को दिखाई।