इवेंटबाजी छोड़ संवेदनशीलता से काम ले सरकार, कुनो में 10 चीतों की मौत पर कमलनाथ ने जताई चिंता

एक के बाद एक चीते की मृत्यु के बाद भी सरकार की ओर से ऐसी कोई परियोजना सामने नहीं आई जिससे चीतों के जीवन के प्रति आश्वस्त हुआ जा सके: कमलनाथ

Updated: Jan 17, 2024, 12:19 PM IST

भोपाल। मध्य प्रदेश के श्योपुर में स्थित कूनो नेशनल पार्क से मंगलवार को एक और बुरी खबर सामने आई। नामीबिया से लाए गए चीता शौर्य की मौत हो गई है। कूनो में अब तक 7 चीते और 3 शावक मिलाकर यह 10वीं मौत है। पार्क में लगातार हो रही चीतों की मौत पर पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने चिंता व्यक्त की है। पूर्व सीएम ने राज्य सरकार को इवेंटबाजी छोड़कर संवेदनशीलता से काम लेने की नसीहत दी है।

कमलनाथ ने इस संबंध में ट्वीट कर लिखा, 'कूनो नेशनल पार्क में दसवें चीते की मृत्यु अत्यंत चिंता का विषय है। एक के बाद एक चीते की मृत्यु के बाद भी सरकार की ओर से ऐसी कोई परियोजना सामने नहीं आई जिससे चीतों के जीवन के प्रति आश्वस्त हुआ जा सके। जितनी बड़ी इवेंट और सरकारी धनराशि का अपव्यय कर चीता प्रोजेक्ट लॉन्च करने में किया गया था अगर उसी अनुपात में धनराशि चीतों के स्वास्थ्य और सुरक्षा पर ईमानदारी से खर्च की जाती तो यह स्थिति नहीं बनती।'

पूर्व सीएम ने राज्य सरकार को नसीहत देते हुए कहा कि अगर अब भी इवेंटबाजी छोड़कर संवेदनशीलता से काम लिया जाए तो बाकी बचे चीतों को सुरक्षित किया जा सकता है। बता दें कि प्रोजेक्ट चीता के तहत सितंबर 2022 में 8 चीतों को नामीबिया से लाया गया था। इसके बाद फरवरी 2023 में 12 और चीतों को दक्षिण अफ्रीका से लाया गया था। 

नामीबिया और साउथ अफ्रीका से आये कुल 20 चीतो में से 7 की मौत अलग-अलग कारणों से हो गई है। वहीं, मादा चीता ज्वाला के चार शावकों को जन्म दिया था। इनमें भी तीन की भी मौत हो चुकी है। तीन हफ्ते पहले ही नामीबिया से लाई गई मादा चीता आशा ने भी तीन शावकों को जन्म दिया था। फिलहाल ये तीनों स्वस्थ बताए जा रहे हैं। वर्तमान में अब कूनो में केवल 13 वयस्क चीते समेत 4 शावक मौजूद हैं।