300 किलो RDX कहां से आया, पुलवामा हमले की बरसी पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार से पूछे पांच सवाल
14 फरवरी 2019 को पुलवामा में जम्मू-श्रीनगर हाईवे पर सीआरपीएफ के काफिले में शामिल एक बस को कार ने टक्कर मार दी थी। कार में विस्फोटक होने की वजह से धमाका हुआ जिसमें 40 जवान शहीद हुए थे।

नई दिल्ली। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले को आज 6 साल पूरे हो गए। आतंकियों के इस कायराना हमले में CRPF के 40 जवान शहीद हो गए थे। देश आज शहीद जवानों को याद रहा है। इस हमले की बरसी पर मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार से पांच सवाल पूछे हैं।
कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, 'कुछ सवाल जिनके जवाब आज तक नहीं मिले। पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ 300 किलो RDX कहां से आया? मोदी सरकार ने CRPF को एयरक्राफ्ट देने से क्यों मना किया? बटालियन के जाने से पहले सड़क मार्ग सैनिटाइज क्यों नहीं किया गया? ये हमला किसकी नाकामी से हुआ? पुलवामा आतंकी हमले के बाद गवर्नर को नरेंद्र मोदी ने 'चुप रहने' की धमकी क्यों दी? इन सवालों के जवाब PM मोदी को देने चाहिए।'
कुछ सवाल जिनके जवाब आज तक नहीं मिले
— Congress (@INCIndia) February 14, 2025
पुलवामा आतंकी हमले में इस्तेमाल हुआ 300 किलो RDX कहां से आया?
मोदी सरकार ने CRPF को एयरक्राफ्ट देने से क्यों मना किया?
बटालियन के जाने से पहले सड़क मार्ग सैनिटाइज क्यों नहीं किया गया?
ये हमला किसकी नाकामी से हुआ?
पुलवामा…
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 को हुए आतंकी हमले में 40 से अधिक सीआरपीएफ के जवान शहीद हो गए थे। इस आतंकी हमले ने पूरे देश को झकझोर दिया था। लोग जवानों के क्षत-विक्षत शरीर देख बिलख रहे थे। परिवार के लोगों का क्या हाल था इसका आप अंदाजा भी नहीं लगा सकते। परिवार के लोग बेसुध और बदहवास नजर आ रहे थे। अपने लाड़ले, अपने घर के चिराग को खोने का दर्द उन परिवार के लोगों पर आज साफ दिखाई दे रहा है। ये हमला तीन दशकों में हुआ सबसे बड़ा हमला था।
पुलवामा हमले में भारी मात्रा में जिलेटिन के छड़ों का इस्तेमाल किया गया था। लेकिन जिलेटिन की ये छड़ें खुलेआम नहीं बिक सकती हैं। ये छड़ें सरकार की ओर से सिर्फ अधिकृत कंपनियों या फिर सरकारी विभाग जैसे भू-विज्ञान विभाग को ही दी जाती हैं। जहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता, वहां 300 किलो RDX कैसे पहुंचा? कौन था इस षडयंत्र के पीछे? ये सवाल आज भी अनुत्तरित हैं।
पुलवामा हमले से तत्कालीन डीएसपी देवेंद्र सिंह का कनेक्शन भी जुड़ा है। कुछ रिपोर्ट्स के मुताबिक वह आतंकियों के साथ मिला हुआ था। हमले के बाद दक्षिणी कश्मीर के कुलगाम जिले के मीर बाजार इलाके से सुरक्षा बलों ने डीएसपी देविंदर सिंह को लश्कर-ए-ताइबा व हिजबुल मुजाहिदीन के आतंकियों के साथ गिरफ्तार किया था। सुरक्षाबलों ने तीनों को जिस कार से गिरफ्तार किया था उसमें दो एके 47 राइफल बरामद की गईं थी। आतंकियों संग पकड़े जाने के बाद डीएसपी को निलंबित कर दिया गया। लेकिन बाद में उसके खिलाफ क्या कार्रवाई हुई ये देश को नहीं बताया गया।