आर्थिक पैकेज जीडीपी का सिर्फ 0.75 प्रतिशत?

बार्कलेज ने अपने अनुमान के आधार पर यह रिपोर्ट पेश की है.

Publish: May 18, 2020, 07:15 AM IST

वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा रविवार को घोषित आर्थिक पैकेज की पांचवीं किस्त की लागत 40,000 करोड़ रुपये बैठेगी.  इस तरह पिछले कुछ दिन में घोषित उपायों का सरकार के खजाने पर प्रभाव 1.50 लाख करोड़ रुपये या सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का 0.75 प्रतिशत बैठेगा. एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया गया है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोरोना वायरस (coronavirus lockdown) से प्रभावित अर्थव्यवस्था को उबारने के लिए 20 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी के 10 प्रतिशत के बराबर पैकेज की घोषणा की थी.  इनमें से ज्यादातर उपाय लोन गारंटी इत्यादि के रूप में हैं, जिनके लिए सरकार को तत्काल वित्तीय खर्च नहीं करना पड़ेगा.

बार्कलेज के भारत में मुख्य अर्थशास्त्री राहुल बजोरिया ने कहा, ‘‘हमारा अनुमान है कि इस 20 लाख करोड़ रुपये के पैकेज का बजट पर राजकोषीय प्रभाव सिर्फ 1.50 लाख करोड़ रुपये या जीडीपी का 0.75 प्रतिशत बैठेगा. हमने यह निष्कर्ष अपनी गणना और अनुमानों के आधार पर निकाला है."

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उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार इन घोषणाओं के क्रियान्वयन के बाद चालू वित्त वर्ष में राजकोषीय घाटे को जीडीपी के छह प्रतिशत तक सीमित रख पाएगी.  हालांकि, राजकोषीय घाटे का बजटीय लक्ष्य 3.5 प्रतिशत का है.

बजोरियो ने कहा कि पांचवी किस्त की घोषणाओं में सिर्फ एक उपाय ऐसा है जिसका राजकोषीय प्रभाव होगा.  वह है मनरेगा के तहत 40,000 करोड़ रुपये का अतिरिक्त आवंटन.