डराने-धमकाने वाले व्यवहार का एक और उदाहरण, न्यूज क्लिक रेड मामले में मीडिया संगठनों की तल्ख टिप्पणी
चरणचुंबकों की फ़ौज के बावजूद कुछ पत्रकार अभी भी सच बोलने की हिमाक़त करते हैं पर सच बोलने वालों से, सवाल पूछने वालों से तो प्रधानमंत्री को ख़ास दिक़्क़त है, तो उनको रेड किया जाएगा, डराया धमकाया जाएगा: कांग्रेस

नई दिल्ली। दिल्ली पुलिस ने मंगलवार को वेबसाइट न्यूजक्लिक के 30 से ज्यादा लोकेशन पर रेड की है। पुलिस कुछ पत्रकारों को अपने साथ ले गई है। इनमें अभिसार शर्मा, उर्मिलेश और परंजॉय गुहा ठाकुरता व कई अन्य पत्रकार शामिल हैं। पुलिस उनके वकीलों को भी मिलने नहीं दे रही है और न ही एफआईआर की कॉपी दे रही है। पुलिस के इस कार्रवाई को स्वतंत्र प्रेस पर हमला बताया जा रहा है।
विभिन्न मीडिया संगठनों ने इस कार्रवाई की तल्ख लहजे में आलोचना की है। प्रेस क्लब ऑफ इंडिया ने ट्विटर पर लिखा, "प्रेस क्लब ऑफ इंडिया न्यूजक्लिक से जुड़े पत्रकारों और लेखकों के घरों पर की गई कई छापेमारी से बेहद चिंतित हैं। हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं और एक विस्तृत बयान जारी करेंगे। उन्होंने आगे कहा, "पीसीआई पत्रकारों के साथ एकजुटता से खड़ा है और सरकार से डिटेल सामने लाने की मांग करता है।"
The Press Club of India is deeply concerned about the multiple raids conducted on the houses of journalists and writers associated with #Newsclick.
— Press Club of India (@PCITweets) October 3, 2023
We are monitoring the developments and will be releasing a detailed statement.
DIGIPUB न्यूज़ इंडिया फाउंडेशन ने कहा, "Newsclick से जुड़े पत्रकारों के घरों पर छापेमारी से DIGIPUB बेहद चिंतित है। उन्हें हिरासत में लिया गया है, उनके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए गए हैं। यह सरकार के मनमाने और डराने-धमकाने वाले व्यवहार का एक और उदाहरण है. हम घटनाक्रम पर नजर रख रहे हैं।"
DIGIPUB is deeply concerned about the raids at the homes of journalists connected with #Newsclick. They have been detained, their phones & laptops seized. This is another instance of the govt’s pattern of arbitrary & intimidatory behaviour. We are keeping an eye on developments.
— DIGIPUB News India Foundation (@DigipubIndia) October 3, 2023
वहीं, मुंबई प्रेस क्लब ने ट्विटर पोस्ट कर लिखा, "मुंबई प्रेस क्लब दिल्ली में चल रही घटनाओं पर गहरी चिंता व्यक्त करता है, जहां न्यूजक्लिक से जुड़े कई पत्रकारों पर दिल्ली पुलिस ने छापेमारी की है, उनके आवास से उनके फोन और लैपटॉप जब्त कर लिए हैं।"
The Mumbai Press Club expresses deep concern regarding the ongoing events in Delhi, where multiple journalists affiliated with Newsclick have been subjected to raids by the Delhi police, confiscating their phones and laptops from their residences.
— Mumbai Press Club (@mumbaipressclub) October 3, 2023
वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने भी दिल्ली पुलिस की कार्रवाई पर सवाल उठाए हैं। उन्होंने लिखा, "दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने न्यूजक्लिक वेबसाइट से जुड़े कई पत्रकारों/लेखकों के घरों पर छापेमारी की। मोबाइल और लैपटॉप ले गए.. पूछताछ जारी। अभी तक कोई वारंट/एफआईआर नहीं दिखाया गया। लोकतंत्र में पत्रकार कब से राज्य के 'दुश्मन' बन गए?"
Breaking story this morning: Delhi police special cell raids homes of several journalists/writers associated with Newsclick website. Take away mobiles and laptops.. interrogation on. No warrant/FIR shown yet. Since when did journalists become state ‘enemies’ in a democracy?
— Rajdeep Sardesai (@sardesairajdeep) October 3, 2023
विपक्षी गठबंधन इंडिया ने नेताओं ने भी इस कार्रवाई की आलोचना की है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, 'चरणचुंबकों की फ़ौज के बावजूद कुछ पत्रकार अभी भी सच बोलने की हिमाक़त करते हैं, पर सच बोलने वालों से, सवाल पूछने वालों से तो प्रधानमंत्री को ख़ास दिक़्क़त है, तो उनको रेड किया जाएगा, डराया धमकाया जाएगा - पर साहेब भूल जाते हैं चरणचुंबकों की रीढ़ की हड्डी ग़ायब है, सबकी नहीं!'
चरणचुंबकों की फ़ौज के बावजूद कुछ पत्रकार अभी भी सच बोलने की हिमाक़त करते हैं
— Supriya Shrinate (@SupriyaShrinate) October 3, 2023
पर सच बोलने वालों से, सवाल पूछने वालों से तो प्रधानमंत्री को ख़ास दिक़्क़त है
तो उनको रेड किया जाएगा, डराया धमकाया जाएगा - पर साहेब भूल जाते हैं चरणचुंबकों की रीढ़ की हड्डी ग़ायब है, सबकी नहीं!
यूपी के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने लिखा, "ये कोई नयी बात नहीं है ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा डाले हैं छापे, लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ हर महीने ‘मित्र चैनलों’ को दिये जा रहे हैं ये भी तो कोई छापे!"
और पढ़े: न्यूज क्लिक से जुड़े पत्रकारों के घर दिल्ली पुलिस की दबिश, जब्त किया मोबाइल-लैपटॉप
छापे हारती हुई भाजपा की निशानी हैं।
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) October 3, 2023
ये कोई नयी बात नहीं है ईमानदार खबरनवीसों पर भाजपाई हुक्मरानों ने हमेशा डाले हैं छापे,
लेकिन सरकारी प्रचार-प्रसार के नाम पर कितने करोड़ हर महीने ‘मित्र चैनलों’ को दिये जा रहे हैं ये भी तो कोई छापे! pic.twitter.com/JNlwmb7uIc
कांग्रेस नेता प्रमोद तिवारी ने कहा, "लगता है कि तानाशाही आ चुकी है। मीडिया की अभिव्यक्ति, स्वतंत्रता ही नहीं बल्कि आर्थिक, सामाजिक रूप से भी अंकुश लगाया जा रहा है। अगर कोई पत्रकार बाहर निकलकर स्वतंत्र रूप से बोलेगा तो उसे गिरफ्तार करेंगे और इस तरह करेंगे कि जल्दी जमानत भी नहीं मिलेगी।" वहीं, आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह पत्रकारों की स्वतंत्रता और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ मीडिया पर करारा हमला है... पीएम मोदी चीन की घुसपैठ के खिलाफ कुछ नहीं बोल रहे हैं... बल्कि पत्रकारों के खिलाफ कार्रवाई कर ड्रामा रच रहे हैं।