तीन हफ़्ते बाद आर्यन खान को मिली ज़मानत, कल हो सकते हैं जेल से रिहा

बॉम्बे हाई कोर्ट में लगातार तीन दिन चली सुनवाई के बाद आर्यन खान को ज़मानत मिल गई है... आर्यन खान के साथ ही मुनमुन और अरबाज़ को भी ज़मानत मिल गई है

Updated: Oct 28, 2021, 12:29 PM IST

मुंबई। लगभग तीन हफ्ते जेल में रहने के बाद आर्यन खान को बॉम्बे हाई कोर्ट से ज़मानत मिल गयी है। कोर्ट ने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद आर्यन खान को ज़मानत दे दी। आर्यन खान के साथ-साथ मुनमुन धमेचा और अरबाज़ मर्चेंट को भी हाई कोर्ट ने ज़मानत दे दी है। बीते तीन दिनों से कोर्ट में लगातार चल रही दलीलों और हाल के सिक्वेंस ऑफ इवेंट्स के बाद से यह तय माना जा रहा था कि अब आर्यन खान रिहाई से ज्यादा दूर नहीं हैं।

हालांकि आर्यन खान सहित तीनों अभियुक्तों को आज की रात जेल में ही गुज़ारनी होगी। बॉम्बे हाई कोर्ट से बाहर निकलते ही आर्यन खान के वकील मुकुल रोहतगी ने बताया कि ज़मानत मिल गई है। चूंकि ज़मानत के ऑपरेटिव ऑर्डर कल जारी होंगे इसलिए आर्यन खान कल नहीं तो शनिवार को रिहा कर दिए जाएंगे।

बॉम्बे हाई कोर्ट में आर्यन खान की ज़मानत पर कुल तीन दिनों तक सुनवाई चली। मंगलवार को बॉम्बे हाई कोर्ट में आर्यन खान, अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा की ज़मानत याचिका पर सुनवाई शुरु हुई थी। सुनवाई के पहले दिन आर्यन के वकील पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी ने एनसीबी द्वारा लगाई गई धाराओं पर सवाल खड़े किए थे। रोहतगी ने कहा था कि आर्यन खान के पास से न तो कोई ड्रग्स बरामद हुई और न ही आर्यन ने ड्रग्स का सेवन किया। आर्यन क्रूज़ पर होने वाली पार्टी का हिस्सा नहीं थे। आर्यन को गेस्ट के तौर पर क्रूज़ पर बुलाया गया था। 

बुधवार को अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा के वकीलों ने हाई कोर्ट में अपना पक्ष रखा था। दोनों वकीलों द्वारा पक्ष रखे जाने के बाद हाई कोर्ट ने एनसीबी के वकील का पक्ष सुनने के लिए सुनवाई को गुरूवार तक के लिए टाल दिया था। लेकिन एनसीबी के वकील अनिल सिंह के पक्ष रखने के बाद जैसे ही मुकुल रोहतगी ने जवाबी दलील देना शुरु किया, कोर्ट ने फौरन ही ज़मानत याचिका स्वीकार कर ली।

आर्यन खान को ज़मानत न देने के पीछे एनसीबी ने वॉट्सएप चैट का हवाला दिया था। मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस सांब्रे ने वॉट्सएप चैट भी देखे। हालांकि वॉट्सएप चैट को लेकर मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में पहले ही दलील दे दी थी कि वॉट्सएप चैट और क्रूज़ पार्टी का कोई लेना देना नहीं है। सिर्फ इस आधार पर एनसीबी साज़िश स्थापित करने की कोशिश कर रही है, जिसका कोई सबूत नहीं है। हालांकि जज ने किन बातों को मद्दनेज़र रखते हुए आर्यन, अरबाज़ और मुनमुन धमेचा को ज़मानत दी यह विस्तृत आदेश आने के बाद पता चलेगा।

आर्यन खान को एनसीबी दो अक्टूबर की रात एक क्रूज़ पार्टी से पकड़ कर लाई थी। आर्यन के अलावा अरबाज़ मर्चेंट और मुनमुन धमेचा सहित कुल 14 लोगों को एनसीबी ने पकड़ा था। हालांकि एनसीबी ने 8 लोगों को हिरासत में रखकर बाकी लोगों को जाने दिया। यह मामला सबसे पहले एनडीपीएस कोर्ट में पहुँचा, जहां पहले आर्यन खान को तीन दिन की हिरासत और फिर ज़मानत याचिका खारिज होने के बाद 14 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। 

जल्द ही मामला सेशंस कोर्ट पहुँचा लेकिन वहां से भी आर्यन, अरबाज़ और मुनमुन को निराशा हाथ लगी। कई दौर की सुनवाई और जमानत खारिज होने के बाद आखिरकार बांबे हाई कोर्ट ने आर्यन की जमानत याचिका मंजूर करते हुए उनके पक्ष में फैसला सुनाया है। लेकिन तीन हफ्ते तक यह मामला देश में सुर्खियां बटोरता रहा।

बॉलीवुड सितारे के बेटे होने के अलावा इसमें बहुत सारी सत्ता की ताकत और सियासी पैंतरे भी देखने को मिले। एनसीबी नेता नवाब मलिक के एक के बाद एक खुलासे में एनसीबी पर फिरौती और उगाही तक के आरोप लगाए गए। खुद एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेडे के फरेब भी निशाने पर रहे। लेकिन बाज़ी तब पलटी जब मुख्य सरकारी गवाह ने बयान दे दिया कि एनसीबी ने खुद आर्यन को रिहा करने के लिए फिरौती मांगी और गवाह से कोरे कागज़ पर दस्तखत करवाए। बहरहाल भागा हुआ शख्स किरन गोसावी भी पुलिस की गिरफ्त में है और समीर वानखेडे पर भी आरोपों की जांच चल रही है।