निजी मामलों के लिए दो देशों के मुखिया नहीं मिलते, अमेरिका में अडानी से जुड़े सवाल पर बोले पीएम मोदी
पीएम मोदी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए राहुल गांधी ने कहा कि जब मित्र का जेब भरना मोदी जी के लिए राष्ट्र निर्माण है, तब रिश्वतखोरी और देश की संपत्ति को लूटना व्यक्तिगत मामला बन जाता है।

नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी अमेरिका यात्रा पूरी करके शुक्रवार को भारत के लिए रवाना हो गए। इस यात्रा के दौरान उन्होंने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ मीडिया से भी बात की। इस दौरान एक अमेरिकी पत्रकार ने पीएम मोदी से अडानी से जुड़े भ्रष्टाचार को लेकर सवाल किया तो वे असहज नजर आए। इतना ही नहीं उन्होंने इसे व्यक्तिगत मामला करार दिया।
दरअसल, PM मोदी जब ट्रंप के साथ मीडिया को ब्रीफ कर रहे थे तब एक पत्रकार ने सवाल पूछा कि क्या राष्ट्रपति ट्रम्प के साथ मीटिंग में गौतम अडाणी के केस पर कोई चर्चा हुई? इस पर PM ने जवाब दिया कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों में हमारे बीच कोई बातचीत नहीं हुई है। उन्होंने कहा, 'हमारे संस्कार और संस्कृति वसुधैव कुटुम्बकम की है। हम पूरे विश्व को अपना एक परिवार मानते हैं। हर भारतीय को मैं अपना मानता हूं। दूसरी बात है कि ऐसे व्यक्तिगत मामलों के लिए दो देशों के मुखिया न मिलते हैं, न बैठते हैं और न बात करते हैं।'
यह भी पढे़ं: हंगामे के बीच वक्फ बोर्ड पर JPC की रिपोर्ट राज्यसभा में पेश, विपक्ष ने किया वॉकआउट
पीएम मोदी के इस बयान पर अब विपक्ष हमलावर है। मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस ने इस बातचीत का क्लिप साझा करते हुए एक्स पर लिखा, 'अमेरिका में पत्रकार ने नरेंद्र मोदी के परम मित्र अडानी के भ्रष्टाचार से जुड़ा सवाल किया। नरेंद्र मोदी इसे व्यक्तिगत मामला बताते हुए इधर-उधर की बात करने लगे। सवाल सुनते ही चेहरे का रंग उड़ गया। अडानी को लेकर श्रीलंका, केन्या, बांग्लादेश, ऑस्ट्रेलिया और कई देशों में जांच चल रही है, लोग सड़कों पर उतरकर प्रदर्शन कर रहे हैं। अमेरिका में तो भ्रष्टाचार के मामले में वारंट भी जारी हुआ। भर-भरकर भ्रष्टाचार के आरोप हैं, लेकिन नरेंद्र के लिए ये व्यक्तिगत मामला है। शर्मनाक।'
वहीं, लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने इसपर प्रतिक्रिया देते हुए लिखा कि देश में सवाल पूछो तो चुप्पी, विदेश में पूछो तो निजी मामला। अमेरिका में भी मोदी जी ने अडानी जी के भ्रष्टाचार पर पर्दा डाल दिया। जब मित्र का जेब भरना मोदी जी के लिए राष्ट्र निर्माण है, तब रिश्वतखोरी और देश की संपत्ति को लूटना व्यक्तिगत मामला बन जाता है।
बता दें कि भारतीय कारोबारी गौतम अडानी, उनके भतीजे सागर अडानी समेत 8 लोगों पर अमेरिका में रिश्वतखोरी और धोखाधड़ी के आरोप हैं। अमेरिकी अभियोजकों का दावा है कि सोलर एनर्जी प्रोजेक्ट्स के ठेके पाने के लिए अडानी समूह ने भारत में सरकारी अधिकारियों को लगभग 265 मिलियन डॉलर (लगभग 2200 करोड़ रुपये) की रिश्वत दी। अडानी ग्रीन एनर्जी ने इस साजिश के तहत अमेरिकी निवेशकों से 175 मिलियन डॉलर से अधिक जुटाए और एज्योर पावर के शेयर न्यूयॉर्क स्टॉक एक्सचेंज में लिस्ट कराए।
US जस्टिस डिपार्टमेंट का आरोप है कि गौतम अडानी, सागर अडानी और अन्य ने यह जानकारी अमेरिकी निवेशकों से छिपाई। अमेरिकी निवेशकों और वैश्विक वित्तीय संस्थानों से पैसा पाने के लिए झूठे और भ्रामक बयानों का इस्तेमाल किया गया। वहीं, अडानी समूह ने इन आरोपों को निराधार करार दिया है और सभी कानूनी विकल्पों का इस्तेमाल करने की बात कही है।