उगाही के आरोप में समीर वानखेड़े पर NCB कमेटी की जांच शुरू, बर्थ सर्टिफिकेट से दाऊद हटाने पर बवाल

एनसीपी नेता नवाब मलिक ने बताया पूरा नाम "समीर दाऊद वानखेड़े", समीर का पलटवार- मेरी मां मुस्लिम थी, क्या अब मरी हुई मां को भी घसीटेंगे.. उधर एनसीबी ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित कर शुरू की जांच

Updated: Oct 25, 2021, 01:33 PM IST

Photo Courtesy: India Today
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मुंबई। हाईप्रोफाइल आर्यन खान ड्रग्स केस मामले को लीड कर रहे एनसीबी के जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े अब अपनी ही जाल में फंसते दिख रहे हैं। खुद उनकी डिपार्टमेंट एनसीबी ने उनके खिलाफ जांच टीम गठित कर दिया है। एनसीबी ने तीन सदस्यीय टीम गठित किया है जिसका नेतृत्व NCB के डिप्टी डायरेक्टर जनरल और एजेंसी के चीफ विजिलेंस ऑफिसर ज्ञानेश्वर सिंह करेंगे।

दरअसल, समीर वानखेड़े के खिलाफ जांच की आड़ में बॉलीवुड हस्तियों से उगाही करने का आरोप है। जांच के दौरान समीर वानखेड़े अपने पद पर बने रहेंगे या नहीं इस सवाल पर ज्ञानेश्वर सिंह ने कहा है कि अभी-अभी जांच शुरू हुई है, इसलिए कुछ भी कहना जल्दीबाजी होगी। उन्होंने कहा है कि तथ्यों और साक्ष्यों के आधार पर निर्णय लिया जाएगा।

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इसी बीच समीर वानखेड़े के बर्थ सर्टिफिकेट को लेकर बवाल मच गया है। दरअसल, एनसीपी नेता नवाब मलिक ने उनका बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर उनका पूरा नाम "समीर दाऊद वानखेड़े" बताया है। बर्थ सर्टिफिकेट में उनके पिता का नाम दाऊद वानखेड़े बताया गया है। 

मामले पर समीर वानखेड़े ने कहा है कि, 'मेरी मां मुसलमान थी तो क्या वे मेरी मृत मां को इस सब में लाना चाहते हैं? मेरी जाति और पृष्ठभूमि के बारे में मेरे मूल स्थान पर कोई भी जा सकता है और मेरे परदादा से मेरे वंश का सत्यापन कर सकता है। परन्तु इस तरह कि गंदगी नहीं फैलानी चाहिए। ड्रग्स केस को कमजोर करने के लिए यह सब किया जा रहा है।'

बता दें कि आर्यन खान के खिलाफ केस में एनसीबी ने प्रभाकर सेल नामक आदमी को पंच बनाया था। अब प्रभाकर ने ही एनसीबी अधिकारी समीर वानखेड़े और दूसरे गवाह केपी गोसावी के खिलाफ गंभीर आरोप लगाए हैं। प्रभाकर ने बताया है कि उसने केपी गोसावी और सैम को 25 करोड़ रुपए की डील पर बात करते सुना था और अंत में 18 करोड़ रुपए में डील फाइनल हुई थी। प्रभाकर के मुताबिक इस 18 करोड़ रुपए में 8 करोड़ एनसीबी के जोनल अधिकारी समीर वानखेड़े को देने की बात हुई थी। 

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प्रभाकर के मुताबिक क्रूज पर छापेमारी के बाद गोसावी और सैम ने एक नीली मर्सडीज कार के भीतर शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी से 15 मिनट बात की थी। इसके बाद एनसीबी अधिकारियों ने उससे 10 सादे यानी ब्लैंक कागजों पर हस्ताक्षर भी कराया था। प्रभाकर ने मीडिया के सामने सबूत के रूप में कई वीडियो और फ़ोटो भी पेश किया है।प्रभाकर ने खुद को गोसावी का बॉडीगार्ड बताया है। केपी गोसावी वही शख्स है जो खुद को प्राइवेट डिटेक्टिव बताता है और उसने ही आर्यन के साथ सेल्फी ली थी। पैसे उगाही के मामले में गोसावी के खिलाफ पहले भी केस दायर हुए हैं।