पाकिस्तान में नई सरकार के लिए वोटिंग, देशभर में मोबाइल सेवाएं बंद, इमरान खान ने जेल से डाला वोट

पाकिस्तान में 24 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। इस साल देश में करीब 12.8 करोड़ मतदाता है, जो बैलट पेपर के जरिए वोट डालेंगे।

Updated: Feb 08, 2024, 10:08 AM IST

इस्लामाबाद। पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान में आज नेशनल असेंबली और प्रांतीय चुनाव हैं। भारतीय समय के मुताबिक, वोटिंग सुबह 8:30 बजे शुरू हुई, जो शाम 5:30 बजे तक चलेगी। पाकिस्तान में 24 करोड़ से ज्यादा लोग रहते हैं। इस साल देश में करीब 12 करोड़ 80 लाख मतदाता हैं, जो बैलट पेपर के जरिए वोट डालेंगे।

पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान ने पोस्टल बैलट से वोट डाला है। उनकी पत्नी बुशरा बीबी वोट नहीं डाल सकीं। डॉन न्यूज के मुताबिक जेल में बंद अन्य राजनेताओं ने अडियाला जेल से पोस्टल बैलट के माध्यम से अपना वोट डाला। वोटिंग के बीच पाकिस्तान सरकार ने पूरे देश में मोबाइल सर्विस बंद करने का फैसला किया है। चुनाव आयोग आधिकारिक तौर पर कल एवं 9 फरवरी को नतीजों की घोषणा कर सकता है। 

इस चुनाव में मुख्य मुकाबला नवाज शरीफ की पीएमएल-एन, बिलावल भुट्टो जरदारी की पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी, इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ और दूसरी क्षेत्रीय पार्टियों के बीच होगा। पाकिस्तान 2022 में पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के सत्ता से बाहर होने के बाद आर्थिक संकट और राजनीतिक अनिश्चितता से जूझ रहा है। ऐसे में नए प्रधानमंत्री के सामने देश को आर्थिक संकट से उबारने की बड़ी चुनौती होगी। 

नए प्रधानमंत्री के सामने दूसरी चुनौती विपक्ष को साधते हुए सेना के साथ मधुर संबंध रखने की होगी। माना जाता है कि सेना से अच्छे संबंध नहीं होने के कारण ही इमरान खान की सरकार का तख्तापलट हो गया था। इसके बाद पीएमएल-एन की सरकार बनी। माना जा रहा है कि चुनाव में भी सेना पीएमएल-एन के साथ ही है, नतीजतन सरकार भी वही बनाएगी।
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) के अध्यक्ष शहबाज शरीफ ने बुधवार को कहा कि अगर पीएमएल-एन को संसद में बहुमत मिलता है तो नवाज शरीफ पार्टी के प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार होंगे।

दरअसल, एक्सपर्ट्स का मानना है कि जिसे सेना का साथ मिलता है पाकिस्तान में उसी की सरकार बनती है। पाकिस्तान में अशांति पर डिफेंस ब्रिगेडियर (सेवानिवृत्त) अनिल गुप्ता ने कहा कि पाकिस्तानी सेना नवाज शरीफ को सत्ता में लाना चाहती है। उन्होंने सुनिश्चित किया है कि कोई ऑपोजिशन न रहे। पाकिस्तानी सेना एक बार फिर देश में आतंकी संगठनों को मुख्यधारा में लाने की कोशिश कर रही है। यह चुनाव शांतिपूर्ण नहीं होगा। मतपत्र लूटने, उम्मीदवारों की हत्या या मतदान केंद्रों के बाहर विस्फोट के मामलों के साथ कानून और व्यवस्था की समस्याएं होंगी।