रामदेव और आचार्य बालकृष्ण अदालत में हाजिर हों, भ्रामक विज्ञापन केस में सुप्रीम कोर्ट सख्त

सुप्रीम कोर्ट ने गुमराह करने वाले दवा विज्ञापन मामले में पतंजलि के को-फाउंडर स्वामी रामदेव और पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में पेश होने को कहा है।

Updated: Mar 19, 2024, 03:02 PM IST

नई दिल्ली। गुमराह करने वाले विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद की मुश्किलें बढ़ती जा रही है। सुप्रीम कोर्ट ने इसे लेकर आज फिर कंपनी को फटकार लगाई है। इतना ही नहीं सर्वोच्च अदालत ने पतंजलि के को-फाउंडर स्वामी रामदेव और पतंजलि के MD आचार्य बालकृष्ण को कोर्ट में हाजिर होने को कहा है।

दरअसल, रामदेव और आचार्य बालकृष्ण ने पिछले नोटिस का जवाब दाखिल नहीं दिया, जिसकी वजह से यह आदेश जारी किया गया है। इसके अलावा जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की बेंच ने बाबा रामदेव को यह बताने के लिए भी नोटिस जारी किया है कि उनके खिलाफ अवमानना की कार्यवाही क्यों न शुरू की जाए।

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इससे पहले 27 फरवरी को हुई सुनवाई में कोर्ट ने बाबा रामदेव की कंपनी पतंजलि आयुर्वेद के गुमराह करने वाले दवा विज्ञापनों पर रोक लगाई थी। सर्वोच्च अदालत ने कहा था कि यह कंपनी पूरे देश को गुमराह कर रही है। आखिर इस कंपनी के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं हो रही है। केंद्र सरकार क्यों आंख मूंदे बैठी है।

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) की ओर से 17 अगस्त 2022 को दायर की गई याचिका पर सुनवाई कर रही थी। इसमें कहा गया है कि पतंजलि ने कोविड वैक्सीनेशन और एलोपैथी के खिलाफ निगेटिव प्रचार किया। वहीं खुद की आयुर्वेदिक दवाओं से कुछ बीमारियों के इलाज का झूठा दावा किया।