महाराष्ट्र में 2-3 महीने में होगी बीजेपी सरकार, केंद्रीय मंत्री दानवे का दावा
अमित शाह के करीबी मंत्री रावसाहेब दानवे का दावा, बीजेपी राज्य में सरकार बदलने पर काम कर रही है, विधान परिषद का चुनाव ख़त्म होने के बाद उलटफेर होगा

मुंबई। मोदी सरकार में केंद्रीय उपभोक्ता मामलों के राज्य मंत्री रावसाहेब दानवे पाटिल ने खुलासा किया है कि बीजेपी महाराष्ट्र में तख्ता पलट की तैयारी कर रही है। उन्होंने सोमवार को दिए एक बयान में दावा किया कि भारतीय जनता पार्टी, अगले दो से तीन महीनों में महाराष्ट्र में फिर से सरकार बना लेगी। गृह मंत्री अमित शाह के करीबी समझे जाने वाले दानवे ने कहा कि इसके लिए पार्टी ने तैयारी भी कर ली है। अभी सिर्फ विधानसभा परिषद का चुनाव खत्म होने का इंतज़ार हो रहा है।
बीजेपी के वरिष्ठ नेता राव साहेब दानवे पाटिल ने यह दावा महाराष्ट्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं के बीच किया। दानवे औरंगाबाद स्नातक निर्वाचन क्षेत्र में अगले महीने होने वाले विधान परिषद चुनाव के लिए परभणी में चुनाव प्रचार के लिए गए थे। इसी दौरान बीजेपी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, "भाजपा कार्यकर्ताओं को यह नहीं सोचना चाहिए कि हमारी सरकार महाराष्ट्र में अस्तित्व में नहीं आएगी। हम अगले दो-तीन महीनों में सरकार बनाएंगे। हमने इस पर काम भी किया है। हम विधान परिषद चुनावों के खत्म होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं।"
दानवे पाटिल के इस बयान से महाराष्ट्र की सियासत में खलबली मची हुई है। सवाल उठ रहे हैं कि दानवे पाटिल उद्धव ठाकरे की सरकार पलटने के लिए बीजेपी की तरफ से कौन सी तैयारी किए जाने की बात कर रहे हैं? क्या उस फॉर्मूले की बात हो रही है जो कर्नाटक और मध्य प्रदेश में सफल रहा, लेकिन राजस्थान में नाकाम हो गया? क्या बीजेपी की तैयारी का मतलब विधायकों की खरीद-फरोख्त से है? जब किसी राज्य में एक सरकार साल भर से चल रही हो, तो उसका तख्ता पलट करने की तैयारी का मतलब क्या है? क्या महाराष्ट्र में ही एक साल पहले बीजेपी ने अजित पवार को अपने पाले में लाकर सरकार बनाने का जो नाकाम प्रयोग किया था, वैसा ही कोई नया दांव फिर से आजमाने की तैयारी हो रही है?
दिलचस्प बात यह है कि सोमवार को दानवे पाटिल का यह बयान आने से ठीक एक साल पहले एनसीपी नेता अजित पवार ने पूर्व सीएम देवेंद्र फडणवीस के साथ मिलकर सरकार बनाई थी। सरकार को शपथ दिलाने का काम भी जिस तरह गुपचुप ढंग से हुआ था वो हैरान करने वाला था। तमाम चालबाज़ियों के बावजूद यह सरकार टिक नहीं सकी। फडणवीस और अजीत पवार दोनों को महज 80 घंटे में इस्तीफा देना पड़ा था।
आपको बता दें कि पिछले साल महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में शिवसेना और बीजेपी ने मिलकर चुनाव लड़ा था। दोनों को बहुमत भी मिल गया था, लेकिन मुख्यमंत्री पद को लेकर शिवसेना-बीजेपी में टकराव हो गया। आखिरकार शिवसेना ने बीजेपी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए एनडीए छोड़ दिया और कांग्रेस-एनसीपी के साथ मिलकर महा-विकास अघाड़ी गठबंधन की सरकार बनाई। तीनों पार्टियों के समर्थन से उद्धव ठाकरे राज्य के नए मुख्यमंत्री बने।