Contempt Case: सुप्रीम कोर्ट ने कॉमेडियन कुणाल कामरा से 6 हफ्ते में मांगा जवाब

सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के केस में कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा से भी 6 हफ्ते में जवाब मांगा है, केस चलाने के लिए अटॉर्नी जनरल दे चुके हैं सहमति

Updated: Dec 18, 2020, 09:30 PM IST

Photo Courtesy: twitter
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नई दिल्ली। स्टैंडअप कॉमेडियन कुणाल कामरा और कार्टूनिस्ट रचिता तनेजा को सुप्रीम कोर्ट ने अवमानना के केस को कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया है। कुनाल और रचिता दोनों को ही नोटिस का जवाब देने के लिए छह हफ्ते का वक्त दिया गया है। उनसे पूछा गया है कि उनके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मामला क्यों नहीं चलाना चाहिए?

सुप्रीम कोर्ट ने कुणाल कामरा और रचिता तनेजा को व्यक्तिगत पेशी से छूट दी है। दोनों के वकील उनकी तरफ से कोर्ट में जवाब दाखिल कर सकते हैं। दरअसल कोर्ट ने गुरुवार इस मामले में दायर याचिकाओं की सुनवाई के बाद अपना फैसला शुक्रवार के लिए सुरक्षित रख लिया था। इस केस की सुनवाई जस्टिस अशोक आर सुभाष रेड्डी, जस्टिस एमआर शाह और जस्टिस अशोक भूषण की बेंच ने की थी।

कुणाल कामरा के कई ट्वीट्स के खिलाफ शिकायत मिलने पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने उन पर अवमानना का केस चलाने की सहमति दे दी थी। किसी के खिलाफ अवमानना का केस चलाने से पहले कोर्ट को अवमानना अधिनियम-1971 की धारा-15 के तहत अटॉर्नी जनरल या सॉलिसिटर जनरल की सहमति लेना आवश्यक होता है। कुणाल पर एक ट्वीट में चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया के बारे में अपमानजनक इशारा करने का आरोप है। आरोप ये भी है कि कुणाल ने तिरंगे को भगवा झंडे में बदल दिया था, जिस पर अटॉर्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कड़ी आपत्ति जाहिर की थी। रिपब्लिक टीवी के मालिक अर्नब गोस्वामी को फौरन सुनवाई करके जमानत दिए जाने के बाद कुणाल ने सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ ट्विटर पर कई टिप्पणियां की थीं।

कुणाल के खिलाफ दायर याचिकाओं में एक याचिका लॉ स्टूडेंट श्रीरंग कटनेश्वर्कर ने लगाई थी। श्रीरंग की याचिका में कहा गया है कि ट्विटर पर करीब 17 लाख लोग कुणाल को फॉलो करते हैं। कोर्ट की कथित अवमानना करने वाले उनके ट्वीट को भी बड़ी संख्या में उनके फॉलोअर्स ने देखा और बहुत से लोगों ने उसे रीट्वीट भी किया। अब 6 सप्ताह में कुणाल और रचित को कोर्ट में जवाब पेश करना है।