कांग्रेस ने कहा अर्णब गोस्वामी को गिरफ्तार करो

अर्णब गोस्वामी ने अपने लाइव शो में  न केवल कांग्रेस अध्‍यक्ष सोनिया गांधी पर अपमानजनक टिप्‍पणी की बल्कि एडिटर्स गिल्ड से इस्तीफा भी दिया। उनके व्‍यवहार की आलोचना हो रही है।

Publish: Apr 23, 2020, 08:27 AM IST

anchor arnab goswami
anchor arnab goswami

कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणी कर रिपब्लिक टीवी के एंकर अर्णब गोस्वामी आज कांग्रेस पार्टी के निशाने पर आ गए। कांग्रेस नेताओं और कार्यकर्ताओं ने देश के अनेक शहरों में उनके खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई है। रिपब्लिक टीवी के अपने शो में अर्णब गोस्वामी ने पालघर की घटना पर बहस में सोनिया गांधी पर ऐसी टिप्पणी की जो कांग्रेस समर्थकों को नागवार गुजरी। सुबह से उनके खिलाफ कांग्रेस कार्यकर्ताओं का रोष सोशल मीडिया पर उतरता रहा और दिन खत्म होते होते अरेस्ट अर्णब (#ArrestAntiIndiaArnab) तो ट्विटर ट्रेंड होने लगा। 

राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनपर कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने एडिटर्स गिल्ड से उनके खिलाफ कार्रवाई करने को कहा है। गहलोत ने सोनिया गांधी पर गोस्वामी की टिप्पणी की निंदा की। छत्तीसगढ़ के मुख्‍यमंत्री भूपेश बघेल ने भी अर्नब की टिप्‍पणी का विरोध किया है। रायपुर और जयपुर में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने भी अर्नब गोस्वामी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई है। कार्यकर्ताओं का कहना है कि शो के दौरान उन्होंने जानबूझकर सोनिया गांधी के देश का नाम उछाला जबकि बहस में सोनिया गांधी से इस बहस का संबंध ही नहीं था। मप्र कांग्रेस के प्रदेश अध्‍यक्ष कमलनाथ, वरिष्‍ठ नेता दिग्विजय सिंह, कांग्रेस मीडिया सेल के अध्‍यक्ष जीतू पटवारी सहित अन्‍य नेताओं ने अर्णब की टिप्‍पणी को अपमानजनक और शर्मनाक बताया है।

पत्रकारों पर भी भड़के अर्नब

अर्णब ने अपने शो में कोरोना वायरस महामारी के दौरान फेक न्यूज के खिलाफ नहीं बोलने के लिए एडिटर्स गिल्ड के अध्यक्ष शेखर गुप्ता पर भी निशाना साधा। अर्णब ने लाइव शो में कहा,“मैं लंबे समय से एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया का सदस्य रहा हूं और मैं, लाइव टीवी पर, एडिटोरियल एथिक्स पर इसके समझौते, केवल व्यक्तिगत हितों के लिए काम के लिए एक संगठन होने के लिए, इससे इस्तीफा दे रहा हूं।

एडिटर्स गिल्ड के सदस्‍य और वरिष्‍ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई ने ट्वीट कर कहा कि मुझे कहा गया कि एक ‘एडिटर’ ने लाइव शो में एडिटर्स गिल्ड से इस्‍तीफा दे दिया है। एक ऐसा ‘एडिटर’ जिसने 12 सालों में एक भी बार एडिटर्स गिल्ड की किसी भी बैठक में भाग नहीं लिया। किसी बहस में भाग नहीं लिया। यहां तक कि पत्रकारों के उत्‍पीड़न व हत्‍या पर कभी बोला नहीं। प्रेस की आजादी के लिए कितना कुछ!