संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है: राहुल गांधी
राहुल गांधी ने कहा कि संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है, उनकी शक्ति है और हर एक नागरिक की आवाज़ है। जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं।
नई दिल्ली। भारत में आज संविधान दिवस मनाया जा रहा है। 26 नवंबर 1949 को संविधान सभा ने देश के मौजूदा संविधान को मंजूरी दी थी। यही संविधान देश के अधिकतर कानूनों की आधारशिला बना है। राहुल गांधी ने बुधवार को देशवासियों को संविधान दिवस की शुभकामनाएं दीं। साथ ही उन्होंने कहा कि देश के संविधान पर होने वाले किसी भी प्रहार के सामने वे सबसे आगे खड़े रहेंगे।
राहुल गांधी ने एक एक्स पोस्ट में लिखा, 'भारत का संविधान सिर्फ एक किताब नहीं, यह देश के हर नागरिक से किया गया एक पवित्र वादा है। वादा कि चाहे कोई किसी भी धर्म या जाति का हो, किसी भी क्षेत्र से आता हो, कोई भी भाषा बोलता हो, गरीब हो या अमीर, उसे समानता, सम्मान और न्याय मिलेगा।संविधान गरीबों और वंचितों का सुरक्षा कवच है, उनकी शक्ति है और हर एक नागरिक की आवाज़ है। जब तक संविधान सुरक्षित है, हर भारतीय के अधिकार सुरक्षित हैं।'
उन्होंने आगे लिखा, 'आइए, हम प्रण लें कि हम संविधान पर किसी भी तरह का आक्रमण नहीं होने देंगे। इसकी रक्षा करना मेरा कर्तव्य है और इसपर होने वाले हर प्रहार के सामने सबसे पहले खड़ा रहूंगा।आप सभी को संविधान दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं। जय हिंद, जय संविधान।'
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और अन्य नेताओं ने भी संविधान दिवस पर बधाई दी है। खड़गे ने लिखा, 'आज हमें सबसे ज़्यादा ज़रूरत संविधान के बुनियादी सिद्धांतों — न्याय, समानता, आज़ादी, परस्पर भाईचारा, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद को बचाने की है। आज संविधान दिवस पर हम यह पुनः प्रण लेते हैं कि हम देश की एकता और अखंडता के लिये, प्रेम और भाईचारे के लिए, सौहार्द और सद्भाव के लिए लोकतंत्र और संविधान की स्वतंत्रता क़ायम रखेंगे।'




