मई में चरम पर होगा कोरोना, दो हफ्ते अहम्

अलग-अलग अध्‍ययन और गृह मंत्रालय का आं‍तरिक सर्वे बता रहा है कि कोरोना फैलने के लिए देश में अगले दो सप्‍ताह महत्‍वपूर्ण है। कोरोना मई के पहले हफ्ते में चरम पर पहुंच सकताहै।

Publish: Apr 22, 2020, 12:42 AM IST

भारत में कोविड -19 महामारी मई की शुरुआत या मध्य तक चरम पर पहुंच सकती है। अगर भारत में हालात ज्यादा खराब होते हैं तो यहां कोरोना के मामलों की संख्या 30 हजार से लेकर लगभग 2.86 लाख तक पहुंच सकती है. ऐसा होने पर करीब 30% मरीजों को आईसीयू की जरूरत पड़ सकती है।

भारत में मई में कोरोना के चरम पर पहुंचने का आकलन ग्लोबल कंसल्टिंग फर्म प्रोटिविटी एवं टाइम्स नेटवर्क की स्टडी में किया गया है। टाइम्स फैक्ट इंडिया की आउटब्रेक रिपोर्ट तैयार करने में कई तरह के कैलकुलेशन किए गए हैं। इसमें प्रतिशत-आधारित, समयचक्र और सस्पेक्टिबल एक्सपोज़्ड इंफेक्टेड रिकवर्ड (एसईआईआर) मॉडल का उपयोग किया गया है।

एसईआईआर मॉडल से पता चलता है कि यह महामारी अगस्त तक देश में बनी रह सकती है। कुछ राज्य मई के अंत या जून की शुरुआत तक इस संकट से उबर सकते हैं जबकि ज्यादा संक्रमण वाले राज्यों को इस महामारी से उबरने में एक महीना ज्यादा समय लग सकता है। अध्ययन में केंद्र सरकार के आंकड़ों, सरकारी बुलेटिनों की जानकारी और स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से होने वाले दैनिक अपडेट का इस्तेमाल किया गया।

टाइम्स नेटवर्क के एमडी और सीईओ एमके आनंद ने कहा कि यह रिपोर्ट तथ्यों के साथ मौजूदा समय में जारी अनिश्चितता को दूर करने के लिए जारी की गई है। यह पूरी तरह से वैज्ञानिक नजरिये से तैयार की गई है। इसमें देश में ढांचागत सुविधाओं में कमी पर भी प्रकाश डाला गया है।

आनंद ने बताया कि इस रिपोर्ट को तैयार करने में शोधकर्ताओं ने 8 राज्यों और 3 हास्पॉट का विश्लेषण किया। इसमें देशभर के मामलों का भी ध्यान रखा गया। इसमें 'दैनिक आधार पर नए मामलों की संख्या ’और सक्रिय मरीजों की कुल संख्या का उपयोग करके यह बताया गया है कि अगले 50 दिन में महामारी किस स्तर पर पहुंच जाएगी। रिपोर्ट में कहा गया है कि महामारी को मात देने के लिए एक मजबूत लॉकडाउन और नियंत्रण उपायों की जरूरत है।

इसके अलावा गृह मंत्रालय का आंतरिक आकलन है कि भारत में कोरोना के मामले मई के पहले हफ्ते में अपने चरम पर होंगे। इसके बाद कोरोना संक्रमितों की संख्या कम होने लगेगी। जिन राज्यों ने सबसे पहले लॉकडाउन शुरू किया था, उनमें कोरोना संक्रमितों की संख्या व अन्य मुश्किलें कम होंगी। राजस्थान, पंजाब और बिहार सरकार ने कोरोना के मामलों को देखते हुए पहले ही लॉकडाउन की घोषणा कर दी थी। उत्तर प्रदेश, गुजरात और महाराष्ट्र की तुलना में इन राज्यों में कोरोना के कम मामले सामने आए हैं।