2 साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप ना पिलाएं, मासूमों की मौत के बीच केंद्र सरकार ने जारी की एडवाइजरी
केंद्र की ओर से जारी एडवाइजरी में कहा गया है कि 2 साल से छोटे बच्चों को खांसी की दवा बिल्कुल ही न दें, और 5 साल से छोटे बच्चों को भी सीमित रूप से ही दें।

नई दिल्ली। मध्य प्रदेश और राजस्थान में बीते कुछ दिनों से कफ सिरप के कारण 12 बच्चों की मौत की खबर सामने आई है। एक-एक कर दम तोड़ते इन बच्चों की खबर से पैरेंट्स डरे हुए हैं कि आखिर जान बचाने वाली दवा ही मासूमों के लिए जहर क्यों बन रही? बच्चों की मौत के बाद अब केंद्र सरकार ने कफ सिरप को लेकर एडवाइजरी जारी की है, जिसमें 2 साल से कम उम्र के बच्चों को सिरप पिलाने से मना किया गया है।
डायरेक्टर जनरल हेल्थ सर्विस डॉक्टर सुनीता शर्मा की ओर से सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को यह एडवाइजरी जारी की गई है। इसमें कहा गया है कि बच्चों में होने वाली ज्यादातर खांसी की समस्या अपने आप ठीक हो जाती है और इसके लिए दवा की जरूरत नहीं पड़ती। केंद्र ने पैरेंट्स को हिदायत देते हुए कहा है कि 2 वर्ष से कम उम्र के बच्चों को खांसी या जुकाम की सिरप बिल्कुल न दें। 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों में भी इन दवाओं का उपयोग आम तौर पर ना करें। 5 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों में सिरप तभी दें जब डॉक्टर सलाह दे। सही मात्रा और कम से कम दिनों के लिए दवा दी जाए और एक साथ कई दवाओं का उपयोग न किया जाए।
एडवाइजरी में आगे कहा गया है कि आम जनता को भी बताया जाए कि वे डॉक्टर की सलाह के बिना बच्चों को कोई सिरप न दें। डॉक्टरों को भी हिदायत दी गई है कि वे सिरप देने की बजाय सबसे पहले बिना दवा के राहत के उपाय के बारे में बच्चों को बताएं। उन्हें पर्याप्त पानी और तरल पदार्थ, आराम करने की सलाह और घरेलू और सहयोगी उपायों जैसे भाप लेना, गुनगुना पानी पीने की सलाह दें।
इसके अलावा स्वास्थ्य संस्थाओं को निर्देश दिया गया है कि सभी सरकारी और निजी स्वास्थ्य संस्थान यह सुनिश्चित करें कि अच्छी गुणवत्ता वाली कंपनियों से ही दवाएं खरीदी जाएं। दवाओं में केवल फार्मास्यूटिकल ग्रेड सामग्री का उपयोग हो। साथ ही डॉक्टरों और फार्मासिस्टों को सही परामर्श और दवा देने के नियमों के प्रति जागरूक किया जाए। इन निर्देशों को केंद्र से लेकर जिले स्तर के अस्पताल, स्वास्थ्य केंद्र और मेडिकल कॉलेज में पालन किया जाए।
बता दें कि मध्य प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले के परासिया में अबतक 9 बच्चों की मौत हो चुकी है। वहीं राजस्थान के सीकर में भी तीन बच्चों की मौत की खबर सामने आई है। छिंदवाड़ा में बच्चों की मौत के पीछे कफ सिरप, कोल्ड्रिफ (Coldrif) - Chennai और नेक्सा डीएस (Nexa DS) को जिम्मेदार बताया जा रहा है। जबकि राजस्थान में Kaysons Pharma के सिरप को जिम्मेदार बताया जा रहा है। फिलहाल, इस मामले में विस्तृत जांच रिपोर्ट का इंतजार है।