गुजरात में 1000 करोड़ रुपए की ड्रग्स बरामद, केमिकल फैक्ट्री में हो रहा था निर्माण

हाल के सालों में गुजरात के मुंद्रा पोर्ट व उसके आसपास के इलाकों से नशीले पदार्थों के मिलने के मामलों में लगातार वृद्धि हुई है, अबतक हजारों करोड़ के ड्रग्स बरामद हो चुके हैं बावजूद कोई बड़ी कार्रवाई नहीं हुई है

Updated: Aug 16, 2022, 01:16 PM IST

वडोदरा। ड्रग्स के खिलाफ तमाम कार्रवाई के बावजूद गुजराती ड्रग्स माफियाओं का यह गोरखधंधा थमने का नाम नहीं ले रहा है। मंगलवार को गुजरात में एक बार फिर करीब हजार करोड़ रुपए का ड्रग्स बरामद हुआ है। 

दरअसल, गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर इलाके में एक ड्रग फैक्ट्री चल रही थी। मुंबई एंटी नारकोटिक्स सेल यूनिट ने छापेमार कार्रवाई कर फैक्ट्री से 1,026 करोड़ रुपए के ड्रग्स बरामद की है। बताया जा रहा है कि इस छापेमारी में लगभग 513 किलोग्राम एमडी ड्रग्स बरामद हुई है, इस मामले में पुलिस ने एक महिला समेत 7 आरोपियों को गिरफ्तार किया।

जब्त की गई ड्र्ग्स की कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में 1,026 करोड़ रुपए है, राज्य में ड्रग्स और कोकीन माफिया दोनों ही सक्रिय बताये जाते हैं। इससे पहले मुंबई पुलिस ने शिवाजी नगर से जो ड्रग्स की खेप पकड़ी थी उसके बाद से ही कहां से ये ड्रग आई पुलिस इसका सोर्स पता लगाने में जुटी हुई थी।

बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के गृह राज्य से भारत में बड़े पैमाने पर ड्रग्स की तस्करी हो रही है। पिछले साल इस पोर्ट से दुनिया के सबसे बड़े ड्रग्स रैकेट के संचालन का भंडाफोड़ हो चुका है। बावजूद कोई कार्रवाई नहीं हुई, नतीजतन धड्डले से ड्रग्स का कारोबार जारी है।

पिछले साल 13 सितंबर को बिजनेसमैन गौतम अडानी के मुंद्रा पोर्ट से 21 हजार करोड़ रुपए की 3 हजार किलो ड्रग्स पकड़ी गई थी। ड्रग्स को कागजों पर टेलीकॉम पाउडर बताकर लाया जा रहा है। साल गुजरने के बाद भी आजतक इस बड़े रैकेट के पीछे का माफिया कौन था इसकी जानकारी सार्वजनिक नहीं हुई है। मुंद्रा पोर्ट से ड्रग्स बरामदगी के बाद पता चला था कि बीते साल जून में भी टेलकम पाउडर मंगाए गए थे।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जून में भी उसी कंपनी ने टेलकम पाउडर मंगाया था, जिसे सितंबर में टेलकम पाउडर की आड़ में ड्रग्स मंगाते पकड़ा गया था। लेकिन जून में 3 हजार किलो के बजाए 25 हजार किलो टेलकम पाउडर मंगाए गए थे। ड्रग्स के रेट के हिसाब से इसकी कीमत लगभग 1 लाख 75 हजार करोड़ रुपए से भी ज्यादा होगी। लेकिन तब इस खेप को पकड़ा नहीं जा सका था। और यदि वे ड्रग्स थे जिसकी पूरी संभावना है तो उसे भारतीय बाजारों में खपाया जा चुका होगा और हिंदुस्तान के लाखों युवा नशे की आग में झोंके गए होंगे। बीजेपी शासित गुजरात से संचालित यह ड्रग्स रैकेट न सिर्फ युवाओं के स्वास्थ्य बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए भी बेहद खतरनाक साबित हो सकता है।