MP: 60 लाख छात्रों को मिलेगी स्कॉलरशिप, सीएम मऊगंज से सिंगल क्लिक से करेंगे 332 करोड़ का वितरण

मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए समेकित छात्रवृत्ति योजना के तहत 60 लाख विद्यार्थियों के लिए 332 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की घोषणा की है।

Updated: Dec 14, 2024, 10:37 AM IST

मध्य प्रदेश सरकार ने शिक्षा के क्षेत्र में बड़ा कदम उठाते हुए समेकित छात्रवृत्ति योजना के तहत 60 लाख विद्यार्थियों के लिए 332 करोड़ रुपये की राशि जारी करने की घोषणा की है। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शनिवार को मऊगंज जिले में आयोजित राज्य स्तरीय कार्यक्रम में सिंगल क्लिक के माध्यम से यह राशि विद्यार्थियों के बैंक खातों में ट्रांसफर करेंगे। यह राशि सीधे विद्यार्थियों के खातों में भेजी जाएगी, जिससे योजना का लाभ पारदर्शी तरीके से सुनिश्चित किया जाएगा।

यह योजना प्रदेश के शासकीय और अशासकीय विद्यालयों में कक्षा 1 से 12 तक अध्ययनरत विद्यार्थियों के लिए लागू है। समग्र सामाजिक सुरक्षा मिशन के तहत क्रियान्वित इस योजना में 6 विभागों द्वारा 20 प्रकार की छात्रवृत्तियां प्रदान की जा रही हैं। इनमें स्कूल शिक्षा, अनुसूचित जाति कल्याण, जनजातीय कल्याण, विमुक्त घुमक्कड़ और अर्ध-घुमक्कड़ कल्याण, पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यक कल्याण, तथा सामाजिक न्याय विभाग शामिल हैं। शिक्षा पोर्टल के माध्यम से प्रत्येक विद्यार्थी का नाम समग्र यूनिक आईडी के आधार पर उसके स्कूल के कोड के साथ मैप किया गया है, जिससे स्कूलवार और कक्षावार नामांकन ऑनलाइन किया जा सके।

इसके साथ ही, प्रदेश में शैक्षणिक गुणवत्ता बनाए रखने और शिक्षकों की कमी को दूर करने के लिए स्कूल शिक्षा विभाग ने नियमित शिक्षकों के रिक्त पदों पर अतिथि शिक्षकों की व्यवस्था शुरू कर दी है। यह प्रक्रिया इसी माह पूरी करने के निर्देश दिए गए हैं। वर्तमान में अधिकांश विद्यालयों में पूर्व से कार्यरत अतिथि शिक्षकों को शाला विकल्प चयन प्रक्रिया के माध्यम से नियुक्त किया गया है।

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नई रिक्तियों को भरने के लिए विभाग ने जीएफएमएस पोर्टल पर शाला प्रभारियों के लॉगिन के माध्यम से विकासखंड पैनल की मेरिट सूची उपलब्ध कराई है। इस सूची के आधार पर संबंधित विद्यालयों में अतिथि शिक्षकों को प्राथमिकता के आधार पर बुलाया जाएगा। यह प्रक्रिया सुनिश्चित करेगी कि शैक्षणिक सत्र के बीच विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो और विद्यालयों में शिक्षकों की पर्याप्त उपलब्धता बनी रहे।