धरना करने पर 20 हजार रुपए जुर्माना, हिंसा करने पर दाखिला होगा रद्द, JNU में छात्रों के लिए नए नियम

जेएनयू प्रशासन का विवादित फैसला, अब धरना करने पर छात्रों से वसूला जाएगा जुर्माना, एबीवीपी ने बताया तुगलकी फरमान

Updated: Mar 02, 2023, 10:08 AM IST

नई दिल्ली। देश के प्रतिष्ठित जवाहर लाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) प्रशासन द्वारा अजीबोगरीब फैसला लिया गया है। जेएनयू में अब धरना करने पर छात्रों से 20 हजार रुपए जुर्माना वसूला जाएगा। छात्र आंदोलनों का केंद्र रहे जेएनयू में लागू यह नया नियम चौंकाने वाला है। आरएसएस से जुड़ी छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने इसे तुगलकी फरमान करार दिया है।

रिपोर्ट्स के मुताबिक जेएनयू के कार्यकारी परिषद ने इस विवादित नियम को मंजूरी दी है। यह परिषद विश्वविद्यालय का निर्णय लेने वाला सर्वोच्च निकाय है। नए नियमों के अनुसार, परिसर में धरना देने पर छात्रों पर 20,000 रुपये का जुर्माना और हिंसा करने पर उनका दाखिला रद्द किया जा सकता है या 30,000 रुपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।

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दस पन्नों के ‘जेएनयू के छात्रों के लिए अनुशासन के नियम और उचित आचरण’ में विरोध प्रदर्शन और जालसाजी जैसे विभिन्न कार्यों के लिए सजा निर्धारित की गई है और अनुशासन का उल्लंघन करने संबंधी जांच प्रक्रिया का जिक्र किया गया है। ये फैसला विश्वविद्यालय में गुजरात दंगों पर आधारित बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री दिखाए जाने के बाद लिया गया है।

जेएनयू में अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद के सचिव विकास पटेल ने नए नियमों को ‘तुगलकी फरमान’ करार दिया है। बता दें कि जनवरी में गुजरात दंगों पर बनी बीबीसी की विवादित डॉक्यूमेंट्री को लेकर जेएनयू में काफी हंगामा हुआ था। डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग से उठे विवाद में जेएनयू के छात्र संगठनों (एबीवीपी और लेफ्ट) ने एक-दूसरे पर कई आरोप भी लगाए थे।