UN में रिपब्लिक ऑफ कैलासा की एंट्री, नित्यानंद के देश की एंबेसडर ने भारत के खिलाफ उगला जहर
भगोड़े तांत्रिक नित्यानंद ने एक द्वीप पर रिपब्लिक ऑफ कैलासा नाम का अपना काल्पनिक देश बनाया है, अब कैलासा की एंट्री संयुक्त राष्ट्र में हो गई है।

जेनेवा। खुद को भगवान बताने वाला विवादास्पद धर्मगुरु नित्यानंद एक बार फिर चर्चाओं में है। भगोड़े नित्यानंद के स्वयंभू देश 'रिपब्लिक ऑफ कैलासा' के प्रतिनिधियों ने संयुक्त राष्ट्र की एक बैठक में भाग लिया है। इस बैठक में उसके प्रतिनिधियों ने नित्यानंद को "हिंदू धर्म के सर्वोच्च पुजारी" बताते हुए उसके लिए सुरक्षा की मांग की है।
दरअसल, बलात्कार के मामले में फरार चल रहे नित्यानंद ने पहले तो 'यूनाइटेड स्टेट ऑफ कैलासा' नाम से एक नया देश बनाने का दावा किया था। हालांकि, तब उसे गंभीरता से नहीं लिया गया। लेकिन अब उसने अपने देश के प्रतिनिधिमंडल को एक महिला की अगुवाई में संयुक्त राष्ट्र की बैठक में शामिल होने के लिए भेजा है।
भारत की साध्वियों जैसी वेशभूषा में संयुक्त राष्ट्र के जिनेवा दफ्तर में अंग्रेजी में भाषण देती इस महिला का वीडियो देख शुरू में तो किसी को समझ नहीं आया कि ये महिला किस देश की प्रतिनिधि हैं। बाद में जब उसने स्वामी नित्यानंद और कैलासा का बखान शुरू किया तो माजरा समझ में आया। कैलासा की इस महिला प्रतिनिधि ने अपना नाम मां विजयप्रिया नित्यानंद बताया है। वह कथित रूप से संयुक्त राष्ट्र में कैलासा देश की स्थायी राजदूत है। मां विजयप्रिया नित्यानंद ने बताया कि वो अमेरिका के वाशिंगटन डीसी शहर में रहती हैं और उन्हें नित्यानंद के देश कैलासा में डिप्लोमैट का दर्जा मिला हुआ है।
USK at UN Geneva: Inputs on the Achievement of Sustainability
— KAILASA's SPH Nithyananda (@SriNithyananda) February 25, 2023
Participation of the United States of KAILASA in a discussion on the General Comment on Economic, Social and Cultural Rights and Sustainable Development at the United Nations in Geneva
The Economic, Social, and… pic.twitter.com/pNoAkWOas8
आर्थिक, सामाजिक और सांस्कृतिक अधिकारों पर संयुक्त राष्ट्र समिति (CESCR) की 24 फरवरी को जिनेवा में आयोजित बैठक में उसके प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया है। संयुक्त राष्ट्र की वेबसाइट पर अपलोड किए गए कार्यक्रम के वीडियो में कैलासा के प्रतिनिधियों में से एक को देखा गया है। कैलासा का प्रतिनिधित्व कर रही महिला अपने देश में चल रहे सस्टेनेबल डेवलपमेंट को लेकर बात रख रही है। उसके प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि कैलाश में भोजन, आवास, कपड़े, शिक्षा और चिकित्सा देखभाल जैसी सभी बुनियादी ज़रूरतें "मुफ्त में दी जाती हैं"।
यूएन की इस मीटिंग में विजयप्रिया ने भारत पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया है। उसने कहा कि नित्यानंद को हिंदू धर्म की प्राचीन परंपराओं को पुनर्जीवित करने के लिए परेशान किया गया है और यहां तक कि उनके जन्म के देश (भारत) से प्रतिबंधित कर दिया गया है। उसके प्रतिनिधि ने संयुक्त राष्ट्र के निकाय से पूछा कि नित्यानंद के उत्पीड़न को रोकने के लिए 'राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर' पर क्या उपाय किए जा सकते हैं?
बता दें कि साल 2012 में भारत में नित्यानंद पर दुष्कर्म का मामला दर्ज हुआ। इसके बाद नवंबर 2019 में फिर से उस पर दो लड़कियों के अपहरण और उन्हें बंदी बनाने का मामला दर्ज हुआ। गिरफ्तारी के डर से नित्यानंद फरार हो गया। उसे भगोड़ा घोषित किया गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, दक्षिण अमेरिका के इक्वाडोर में उसने जमीन खरीदी और इसे अपना देश घोषित कर दिया। नित्यानंद ने इस देश का नाम 'कैलासा' रखा और इसे 'हिंदू राष्ट्र' बताया है। नित्यानंद का दावा है कि ये देश दुनियाभर में सताए गए हिंदुओं को सुरक्षा देता है। यहां जाति, लिंग का भेदभाव किए बिना शांति से सभी हिंदू रहते हैं।