भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की तनाव कम करने के लिए मीटिंग
LAC standoff: चीन ने कहा अगर भारतीय सैनिक पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे से पीछे नहीं हटे तो उन पर हमला करेंगे चीनी सैनिक

मॉस्को में भारत और चीन के विदेश मंत्रियों की मुलाकात के बीच चीन ने भारत को युद्ध की धमकी दी है। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने सीमा पर जारी तनाव कम करने के लिए यह बैठक की। मॉस्को में शंघाई सहयोग संगठन की बैठक चल रही है। विदेश मंत्रियों की मुलाकात से पहले इसी कार्यक्रम में कुछ दिन पहले दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों ने भी मुलाकात की थी और संवाद के जरिए सीमा विवाद का हल निकालने पर सहमति जताई थी।
विदेश मंत्रियों की बैठक के दौरान चीनी सरकार के मुखपत्र ग्लोबल टाइम्स के संपादक हू शिजिन ने ट्वीट करते हुए भारत को युद्ध की धमकी दी। भारत ने अभी तक इस ट्वीट पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है।
हू ने ट्वीट किया, "अगर भारत के सैनिक पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी किनारे से नहीं हटते हैं तो चीन की सेना पूरी सर्दियों भर उनके ऊपर हमला करेगी। भारतीय सैनिकों का लॉजिस्टिक्स कमजोर है। बहुत से भारतीय सैनिक ठंड से मर जाएंगे या फिर कोविड 19 से। अगर युद्ध होता है तो हम भारतीय सेना को तुरंत परास्त कर देंगे।"
If Indian troops don't withdraw from the southern bank of Pangong Tso Lake, the PLA will confront them all winter long. Indian troops' logistics are poor, many Indian soldiers will die of freezing temperature or COVID-19. If a war breaks out, Indian army will be defeated quickly.
— Hu Xijin 胡锡进 (@HuXijin_GT) September 10, 2020
इससे पहले 45 साल बाद एलएसी पर हुई गोलीबारी की खबरों के बीच भारत और चीन के विदेश मंत्री एस जयशंकर और वांग यी ने एक दूसरे से मुलाकात की। यह मुलाकत तब हुई है जब खबरें हैं कि चीन के सैनिक उत्तरी पैंगोंग त्सो में 8 किलोमीटर अंदर तक घुस आए हैं, वहीं भारतीय सैनिकों ने चुशुल सेक्टर के महत्वपूर्ण रणनीतिक इलाकों पर कब्जा कर लिया है। दोनों के साथ मुलाकत में रूस के विदेश मंत्री सर्जी लावरोव भी मौजूद रहे।
मुलाकात से पहले भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्तव ने कहा, "भारत और चीन तनाव कम करने के लिए राजनयिक तरीकों से एक दूसरे के संपर्क में हैं। दोनों देशों के रक्षा मंत्रियों की मुलाकात के दौरान इस ओर सहमति बनी थी। भारत के विदेश मंत्री चीन के विदेश मंत्री से मिलने वाले हैं। भारत शांतिपूर्ण तरीके से मुद्दों का हल निकालने के लिए प्रतिबद्ध है।"
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मुलाकात के दौरान तीनों देशों के विदेश मंत्रियों ने त्रिपक्षीय संबंधों को मजबूत बनाने पर सहमति जताई। तीनों ने क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय महत्व के विषयों पर भी अपने मत साझा किए। एक संयुक्त बयान में कहा गया कि तीनों देश अपनी मजबूत वैज्ञानिक और औद्योगिक क्षमता के सहारे कोविड 19 के असर को कम करने में महत्वपूर्ण योगदान दे सकते हैं।
इससे पहले एस जयशंकर और वांग यी ने 23 जून को वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए एक दूसरे से बातचीत की थी। 17 जून को भी दोनों के बीच फोन पर लंबी बात हुई थी। भारत को उम्मीद है कि चुशुल सेक्टर में बढ़त बनाने के बाद वह चीनी सैनिकों को उत्तरी पैंगोंग त्सो से पीछे जाने को मजबूर कर सकता है। अब तक हुई कमांडर स्तर की बैठकों के बाद चीनी सैनिक फिंगर इलाकों को छोड़कर बाकी सभी जगहों से पीछे हट गए थे।