रिटायर्ड IPS ने योगी आदित्यनाथ को लेकर किया सनसनीखेज दावा, कहा, योगी के खिलाफ मर्डर केस में थे पर्याप्त सबूत

रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने कहा कि पचरुखिया मर्डर केस में उनके पास योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे, लेकिन जल्द ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया और इसके साथ ही जांच भी बंद कर दी गई

Updated: Jul 25, 2021, 06:31 AM IST

लखनऊ। पूर्व नौकरशाह अमिताभ ठाकुर ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लेकर सनसनीखेज दावा किया है। अमिताभ ठाकुर ने कहा है कि एक मर्डर केस में उनके पास उत्तर प्रदेश के मौजूदा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ पर्याप्त सबूत थे। लेकिन जल्द ही उनका ट्रांसफर कर दिया गया और मामले की जांच भी बंद कर दी गई। 

अमिताभ ठाकुर ने अपने ट्विटर हैंडल पर यह दावा करते हुए कहा कि योगी आदित्यनाथ मुझसे यूँ ही नाराज़ नहीं हैं। 2007 में उनके संसद में रुदन कांड के समय मैं महाराजगंज का पुलिस अधीक्षक था। शासन के आदेश से उनके खिलाफ पचरुखिया मर्डर केस में मैंने जाँच शुरू की थी, जिसमे उनके खिलाफ ठोस प्रमाण थे। लेकिन मेरा ट्रांसफर होने के साथ ही जाँच भी बंद हो गई। 

इतना ही नहीं अमिताभ ठाकुर ने आगे कहा कि जब उन्होंने पहली बार योगी आदित्यनाथ को देखा था जब वे अराजकता फैलाने का काम कर रहे थे। पूर्व नौकरशाह ने कहा कि आज कानून के राज की बात करने वाले योगी आदित्यनाथ को मैंने पहली बार 1995 में गोरखपुर में तब देखा था जब वे एक ट्रेन हादसे के साईट पर पूर्णतया औचित्यहीन अराजकता फैला रहे थे। और तत्कालीन SP City ने उचित बल प्रयोग कर उन पर काबू किया था।

अमिताभ ठाकुर के इस सनसनीखेज दावे के बाद सोशल मीडिया पर बवाल मच गया। सोशल मीडिया पर लोग योगी आदित्यनाथ पर निशाना बनाने लगे। लेकिन साथ ही अमिताभ ठाकुर को भी निशाने पर लिया गया। अमिताभ ठाकुर पर सोशल मीडिया यूजर्स यह कहकर निशाना साध रहे हैं कि जब योगी आदित्यनाथ के खिलाफ उनके पास पर्याप्त सबूत थे, तब उन्होंने उस समय यह बात सार्वजनिक क्यों नहीं की? सोशल मीडिया पर एक धड़ा अमिताभ ठाकुर पर मनगढ़ंत दावे करने का भी आरोप लगा रहा है।

दरअसल पचरुखिया कांड पुलिस कांस्टेबल सत्य प्रकाश यादव की हत्या से जुड़ा हुआ है। सत्य प्रकाश यादव की हत्या 1999 में हुई थी। इस मामले में सपा नेता तलत अजीज ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। हालांकि इस मामले में कोर्ट से योगी आदित्यनाथ को राहत मिल चुकी है। प्रयागराज की स्पेशल एमपी एमएलए कोर्ट ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ दायर याचिका को 2019 में खारिज कर दिया था। 

दूसरी तरफ मीडिया रिपोर्ट्स में इस बात का उल्लेख है कि योगी आदित्यनाथ के खिलाफ आरोप लगाने वाले पूर्व नौकरशाह अमिताभ ठाकुर मार्च 2021 में सेवानिवृत हो चुके हैं। अमिताभ ठाकुर को तय समय से पहले ही सेवानिवृत कर दिया गया था। जिसके बाद से ही अमिताभ ठाकुर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए नज़र आते हैं। अमिताभ ठाकुर ने हाल ही में प्रधानमंत्री मोदी को चिट्ठी लिखते हुए यह बताया था कि बाराबंकी एसपी कार्यालय में तैनात दरोगा और सिपाही थाने में तैनाती के नाम पर कर्मचारियों से रिश्वत वसूल रहे हैं।