नेशनल हेराल्ड केस में सोनिया-राहुल पर चार्जशीट का विरोध, आज देशभर में ED ऑफिस के बाहर प्रदर्शन करेगी कांग्रेस

नेशनल हेराल्ड केस में प्रवर्तन निदेशालय ने चार्जशीट दाखिल की है। इसमें राहुल गांधी और सोनिया गांधी का भी नाम है। इसे कांग्रेस ने बदले की कार्रवाई करार दिया है।

Updated: Apr 16, 2025, 01:55 PM IST

नई दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी ने नेशनल हेराल्ड से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में चार्जशीट दाखिल किया है। इस चार्जशीट में कांग्रेस सांसद सोनिया गांधी और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी को भी आरोपी बनाया गया है। कांग्रेस ने इस कदम को बदले की राजनीति करार दिया है। पार्टी ने देशभर में बुधवार को प्रदर्शन का ऐलान किया है। पार्टी कार्यकर्ता देशभर के ईडी दफ्तरों पर प्रदर्शन करेंगे।

कांग्रेस पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने इस संबंध में 'एक्स' पर पोस्ट किया। उन्होंने लिखा, 'मोदी-शाह शासन की विपक्ष के खिलाफ प्रतिशोध की कोई सीमा नहीं है। सोनिया गांधी, राहुल गांधी के खिलाफ प्रतिशोध की राजनीति से प्रेरित और मनगढ़ंत नेशनल हेराल्ड मामले का उपयोग करना, विपक्ष की आवाज को दबाने और चुप कराने के उनके प्रयास का एक स्पष्ट उदाहरण है।' 

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वेणुगोपाल ने आरोप लगाया कि इससे प्रधानमंत्री और गृह मंत्री की हताशा की बू आती है, क्योंकि वे लोगों की चिंताओं को दूर करने में विफल हो रहे हैं और लगातार ध्यान भटकाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है कि वे भूल गए हैं कि यह वह परिवार (गांधी परिवार) है जिसने देश के लिए अपना खून दिया है। वो एजेंसियों का उपयोग करते हुए, हमें रोक नहीं पाएंगे।

कांग्रेस नेता ने कहा, 'वास्तव में, यह कार्रवाई केवल इस विभाजनकारी, विनाशकारी शासन के खिलाफ हमारे संकल्प को और मजबूत करने जा रही है। प्रतिशोध और धमकी की ऐसी राजनीति के खिलाफ अपना कड़ा विरोध दर्ज कराने के लिए हम कल देश भर में ईडी कार्यालयों के बाहर विरोध प्रदर्शन करेंगे।' 

केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी किए गए निर्देश में कहा गया है कि सभी प्रदेश कांग्रेस कमेटी को बुधवार 16 अप्रैल की तारीख को संबंधित राज्यों में ईडी के ऑफिस के सामने और जिला स्तर पर केंद्र सरकार के कार्यालयों के सामने विरोध प्रदर्शन करने का निर्देश दिया जाता है। इस विरोध प्रदर्शन में संबंधित राज्य के वरिष्ठ नेताओं, विधायकों, सांसदों और अन्य पदाधिकारियों व कांग्रेस कार्यकर्ताओं को शामिल होना चाहिए और सरकार के प्रतिशोध और धमकी की राजनीति के खिलाफ कड़ा विरोध दर्ज कराना चाहिए।