केरल के पूर्व CM ओमान चांडी का 79 साल की उम्र में निधन, कांग्रेस पार्टी में शोक की लहर

केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमान चांडी का 79 वर्ष की उम्र में मंगलवार सुबह निधन हो गया। ओमान चांडी का पिछले कई महीनों से बेंगलुरु में इलाज चल रहा था।

Updated: Jul 18, 2023, 08:34 AM IST

बेंगलुरु। केरल के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के दिग्गज नेता ओमान चांडी का 79 वर्ष की उम्र में मंगलवार सुबह (18 जुलाई) को निधन हो गया। ओमान चांडी का पिछले कुछ महीनों से बेंगलुरु में इलाज चल रहा था। पूर्व मुख्यमंत्री के मौत की खबर उनके बेटे की ओर से एक सोशल मीडिया पोस्ट के माध्यम से दी गई। उन्होंने फेसबुक पोस्ट में लिखा कि अप्पा नहीं रहे।

ओमान चांडी साल 2004-2006, 2011-2016 की अवधि में केरल के मुख्यमंत्री रह चुके हैं। उनकी मौत की खबर आने के बाद कांग्रेस नेताओं में शोक की लहर छा गई है। पूर्व मुख्यमंत्री की मृत्यु पर केरल कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष के सुधाकर ने दुख जताया है। सुधाकर ने लिखा, 'आज इस दुनिया से उस राजा की कहानी का दुखद अंत हुआ, जिसने अपने प्रेम के दम पर पूरी दुनिया में विजय पाई। आज मैं बहुत दुख से यह बताना चाहता हूं कि हमारे समय के महान व्यक्तियों में से एक ओमान चांडी जी का निधन हो गया है। चांडी जी ने अनगिनत लोगों के जीवन को प्रभावित किया। उनकी विरासत हमेशा हमारी आत्मा में गूंजती रहेगी।'

वहीं, कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने ट्वीटर पर एक फोटो पोस्ट करते हुए लिखा, 'मैं पिछले साल उनके जन्मदिन पर उनसे मिला था। मुझे इस बात का दुख है कि मैं इस बार उन्हें जन्मदिन की शुभकामनाएं नहीं दे पाऊंगा।'

ओमान चांडी कोट्टायम जिले में अपने गृह नगर पुथुपल्ली से चुनाव लड़ते थे। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर में लगातार 12 बार विधानसभा चुनाव जीता। ओमान चांडी पिछले लंबे समय से बीमार चल रहे थे। साल 2019 में ही उनकी तबीयत गड़बड़ हो गई थी। गले से संबंधित बीमारी बढ़ने की वजह से उन्हें जर्मनी ले जाया गया था।

ओमान चांडी का जन्म 31 अक्टूबर 1943 को हुआ था। वह दो बार केरल के मुख्यमंत्री रहे। छात्र जीवन से राजनीति में आए चांडी करीब 50 साल तक राजनीति में सक्रिय रहे। 26 साल की उम्र में उन्होंने पहला चुनाव जीता था। वह पहली बार 1970 में पुथुपपल्ली से केरल विधानसभा में चुने गए। इस दौरान उन्होंने CPI (M) के ईएम जॉर्ज को हराया था।

ओमान चांडी पहली बार साल 2004 में केरल के मुख्यमंत्री बने। 30 अगस्त 2004 को वह विधायक दल के नेता चुने गए। 31 अगस्त से उन्होंने सीएम के रूप में अपना कार्यभार संभाला था। मगर दो साल तक ही वह इस पद पर बने रहे। 2006 में उन्हें विधानसभा चुनाव में मिली हार के बाद इस्तीफा देना पड़ा था। इसके बाद वो 2011 से 2016 तक केरल के मुख्यमंत्री बने। 18 मई 2016 को उन्होंने दूसरी बार केरल के सीएम के रूप में शपथ ली थी। इस बार उन्होंने अपना कार्यकाल पूरा किया था।