पश्चिम बंगाल विधानसभा में एंटी रेप बिल पास, पीड़िता की मौत होने पर 10 दिन में फांसी का प्रावधान
नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़ित के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी।
नई दिल्ली। पश्चिम बंगाल विधानसभा में मंगलवार को एंटी रेप बिल पास हो गया। नए कानून के तहत रेप केस की 21 दिन में जांच पूरी करनी होगी। इसके अलावा पीड़िता के कोमा में जाने या मौत होने पर दोषी को 10 दिन में फांसी की सजा होगी। बिल आगे राज्यपाल के पास भेजा जाएगा। उनके साइन के बाद यह कानून बन जाएगा।
ममता सरकार ने एंटी रेप बिल को 'अपराजिता' महिला एवं बाल विधेयक (पश्चिम बंगाल आपराधिक कानून एवं संशोधन) बिल 2024 नाम दिया है। राज्य सरकार ने बिल पारित करने के लिए 2 सितंबर से दो दिन विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया था। कानून मंत्री मलय घटक ने इसे विधानसभा में पेश किया।
कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में 8-9 अगस्त को ट्रेनी डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर हुआ था। इसके बाद देशभर में डॉक्टरों और राजनीतिक दलों के प्रदर्शन के बाद ममता बनर्जी ने कहा था कि वो राज्य में रेप जैसे अपराध के लिए सख्त कानून बनाएंगी। उन्होंने प्रधानमंत्री को भी इसके लिए दो बार चिट्ठी लिखी थी।
अब बंगाल सरकार ने बिल पेश कर दिया है। इस बिल में हर जिले के भीकर स्पेशल अपराजिता टास्क फोर्स बनाए जाने का प्रावधान है। रेप, एसिड, अटैक और छेड़छाड़ जैसे मामलों में ये टास्क फोर्स एक्शन लेगी। टास्क एक्शन फोर्स इस मामले में अपराधियों सलाखों के पीछे पहुंचाएगी।
ममता सरकार द्वारा पेश किए गए इस बिल में रेप के साथ ही एसिड अटैक भी उतना ही गंभीर माना गया है। महिलाओं पर एसिड अटैक करने वालों के खिलाफ ऐसी सजा का प्रावधान किया गया है कि वो ऐसे अपराध करने से पहले 10 बार सोचेंगे। इसके लिए इस बिल में आजीवन कारावास की सजा का प्रावधान है।