Bainsla Gives Ultimatum: गुर्जर नेता बैंसला की चेतावनी, मांगें नहीं मानीं तो 1 नवंबर से आंदोलन

Gurjar Agitation: अति पिछड़ा वर्ग के तहत अतिरिक्त आरक्षण की मांग कर रहे हैं गुर्जर, भरतपुर में महापंचायत के बाद राजस्थान सरकार को जारी किया अल्टीमेटम

Updated: Oct 19, 2020, 12:37 AM IST

Photo Courtesy: BBC
Photo Courtesy: BBC

जयपुर। राजस्थान का गुर्जर समाज एक बार फिर आंदोलन की तैयारी में है। गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति ने महापंचायत के बाद प्रदेश सरकार को अल्टीमेटम दिया है कि अगर 1 नवंबर तक उनकी सभी मांगें पूरी नहीं की गईं, तो पूरे प्रदेश में चक्का जाम किया जाएगा। समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने भरतपुर में महापंचायत के बाद राजस्थान सरकार को ये अल्टीमेटम दिया।

मीडिया से बात करते हुए बैंसला ने कहा, "हमने शक्ति प्रदर्शन किया है। जितने लोग इस महापंचायत में इकट्ठे हुए उतने आंदोलन करने के लिए पर्याप्त हैं। लेकिन वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए हमने सरकार को और समय देने का निर्णय लिया है।"

बैंसला ने चेतावनी के अंदाज़ में कहा कि अगर हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं तो भविष्य में आंदोलन जारी रहेगा, हम एक नवंबर को इस संबध में फैसला लेंगे। इससे पहले गुर्जर महापंचायत को देखते हुए भरतपुर के कुछ इलाकों में इंटरने सेवाएं बंद कर दी गई थीं और अतिरिक्त सुरक्षाबल भी तैनात किए गए थे। गुर्जरों की इस महापंचायत में तकरीबन ढाई हजार लोग इकट्ठा हुए थे। हालांकि, कोरोना महामारी के चलते राजस्थान में एक जगह पर सौ से अधिक लोगों का इकट्ठा होना मना है। 

राजस्थान सरकार ने 26 अक्टूबर 2018 को पिछड़े वर्ग को मिलने वाले आरक्षण को 21 प्रतिशत से बढ़ाकर 26 प्रतिशत करने का विधेयक पास किया था। दिसंबर 2018 में राज्य सरकार ने गुज्जरों और चार अन्य ओबीसी जातियों को मिलने वाले आरक्षण में एक प्रतिशत बढ़ोतरी की मंजूरी दी थी। वर्तमान में इन जातियों को अति पिछड़े वर्ग के लिए निर्धारित 50 प्रतिशत की सीमा के तहत एक प्रतिशत अतिरक्त आरक्षण मिल रहा है। 

 कर्नल बैंसला ने कहा कि 'गुर्जर समाज प्रक्रियाधीन भर्तियों में अति पिछड़ा वर्ग को पांच प्रतिशत आरक्षण का लाभ देने की बात कई बार राज्य सरकार से कर चुका है। पूर्व में आंदोलन के दौरान मारे गए समाज के लोगों के परिजनों को मुआवजा और नौकरी देने और  मुकदमे वापस लेने समेत तमाम मांगों को लेकर सरकार के साथ बैठकें हो चुकी हैं। इसके बावजूद प्रदेश सरकार ढिलाई बरत रही है।

और पढ़ें: राजस्थान में सचिन पायलट के मीडिया मैनेजर के खिलाफ एफआईआर

क्या है गुर्जरों की प्रमुख मांगें ?

गुर्जरों की प्रमुख मांगों की बात करें तो इसमें मोस्ट बैकवर्ड क्लास (एमबीसी) आरक्षण को केंद्र की 9वीं अनुसूची में शामिल करना, बैकलॉग भर्तियां निकालना और प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच फीसदी आरक्षण देना शामिल है। इसके अलावा एमबीसी कोटे में भर्ती 1,252 कर्मचारियों का नियमितीकरण, पहले हुए गुर्जर आंदोलनों में मारे गए युवाओं के परिजनों को नौकरी और मुआवजा देना और आंदोलनों के दौरान दर्ज मुकदमों की वापसी भी उनकी प्रमुख मांगों में है।