क्या गांधी के देश में अब बंटेगा गोडसे का ज्ञान, मध्य प्रदेश में बापू के हत्यारे का मंदिर बनाने का भी हुआ एलान

हिंदू महासभा ने ग्वालियर में खोली गोडसे ज्ञानशाला, बापू की हत्या से पहले नाथूराम गोडसे जहां रुका था, वहाँ उसका मंदिर बनाने की घोषणा

Updated: Jan 11, 2021, 06:15 AM IST

ग्वालियर। हिंदू महासभा ने मध्य प्रदेश के ग्वालियर में महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे का मंदिर बनाने का एलान किया है। इतना ही नहीं महासभा ने आज ही यहां एक गोडसे ज्ञानशाला भी शुरु की है, जिसमें अहिंसा के पुजारी बापू की जान लेने वाले हत्यारे को महिमामंडित करने वाली कहानी पढ़ाई जाएगी। मध्य प्रदेश में हो रहे इन आयोजनों और एलानों पर मध्य प्रदेश कांग्रेस ने बीजेपी को जमकर घेरा है। कांग्रेस ने पूछा है कि संघ और बीजेपी की यह कैसी नूरा-कुश्ती है।

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने ट्विटर पर लिखा है, "आज ग्वालियर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे नाथूराम गोडसे की विधिवत पूजा अर्चना, आरती के बाद उसकी ज्ञानशाला सम्पन्न हुई, कार्यक्रम स्थल पर बाकायदा श्यामाप्रसाद मुखर्जी, डॉ.केशव बलीराम हेडगेवार की भी तस्वीरें लगी थीं! प्रदेश सरकार, संघ कबीले व भाजपा की यह नूरा कुश्ती क्या है?" 

कांग्रेस प्रवक्ता केके मिश्रा ने इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देने वाला एक और ट्वीट शेयर भी किया है, जिसमें बताया गया है कि हिंदू महासभा के कार्यालय में गोडसे ज्ञानशाला के उद्घाटन के दौरान " उठो जवानों ठोको खंब, चलो कराची फेंको बम जैसे नारे लगाए गए और बाहर पुलिस खड़ी रही। इसी ट्वीट में बताया गया है कि कार्यक्रम में श्यामा प्रसाद मुखर्जी समेत अन्य कई नेताओं की बराबरी में रखकर गोडसे की पूजा भी की गई।

ग्वालियर में गोडसे का मंदिर उस जगह पर बनाने का एलान किया गया है, जहां वो हत्यारा बापू की हत्या से कुछ दिनों पहले आकर रुका था। कहा जाता है कि गोडसे 20 जनवरी 1948 को ग्वालियर पहुंचा था और दौलतगंज स्थित हिंदू महासभा के ऑफिस में रुका था। कहा यह भी जाता है कि उसने हिंदू महासभा के दत्तात्रेय परचुरे के सहयोग से ही 500 रुपए में बेरेटा पिस्तौल खरीदी थी। इसके बाद वह 10 दिनों तक ग्वालियर में ही रहा और हिंदू महासभा के अन्य सहयोगियों के साथ मिलकर बापू की हत्या की साज़िश रची।

गोडसे ज्ञानशाला के उद्घाटन के लिए बाकायदा एक समारोह किया गया था, जिसमें अखिल भारतीय हिन्दू महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जयवीर भारद्वाज को बतौर मुख्य अतिथि बुलाया गया था। कार्यक्रम के दौरान भारद्वाज ने बापू के हत्यारे का मंदिर बनाने का एलान करते हुए उसके महिमामंडन में कोई कसर नहीं छोड़ी।

ऐसे में सवाल यह है कि क्या महात्मा गांधी के देश में अब उनके हत्यारे गोडसे की गाथा गाई जाएगी? देश के स्वतंत्रता संग्राम का नेतृत्व करने वाले राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के हत्यारे का मंदिर बनाया जाएगा? सवाल यह भी है कि क्या मध्य प्रदेश की शिवराज सरकार इस तरह की हरकतों को सही मानती है? अगर नहीं तो उसकी पुलिस की छत्रछाया में ऐसे कार्यक्रमों की इजाजत क्यों दी जाती है?