CBSE Syllabus : HRD मंत्री ने कहा शिक्षा से दूर रखें राजनीति
Cbse Cyllabus 2020-2021 : Ramesh Pokhariyal Nishank ने कहा कि कुछ टॉपिक हटाने पर हो रहीं मनगढंत टिप्पणियां

केन्द्रीय मानव संसाधन मंत्री रमेश पोखरियाल ‘निशंक’ ने कहा कि सीबीएसई के पाठ्यक्रम से कुछ टॉपिक्स हटाए जाने को लेकर मनगढ़ंत टिप्पणियां कर गलत विमर्श का प्रसार किया जा रहा है। मंत्री का यह बयान कोरोना वायरस संक्रमण के कारण पैदा हुए हालात के चलते सीबीएसई के पाठ्यक्रम को कम करने संबंधी विवाद के बीच आया है। विपक्ष का आरोप है कि एक खास तरह की विचारधारा को आगे बढ़ाने के लिए भारत के लोकतंत्र और बहुलतावाद, धर्मनिरपेक्षता और संघवाद संबंधी टॉपिक्स को ‘‘हटाया’’ जा रहा है। निशंक ने इस संबंध में कई ट्वीट किए।
उन्होंने लिखा,‘‘सीबीएसई के पाठ्यक्रम में कुछ टॉपिक्स को हटाए जाने के बारे में बहुत सी मनगढंत टिप्पणियां की जा रही हैं। इन टिप्पणियों के साथ समस्या यह है कि वे गलत विमर्श को फैलाने के लिए चुनिंदा विषयों को जोड़कर सनसनीखेज बना रहे हैं।’’
There has been a lot of uninformed commentary on the exclusion of some topics from #CBSESyllabus. The problem with these comments is that they resort to sensationalism by connecting topics selectively to portray a false narrative.
— Dr. Ramesh Pokhriyal Nishank (@DrRPNishank) July 9, 2020
उन्होंने कहा,‘‘राष्ट्रवाद, स्थानीय सरकार ,संघवाद आदि तीन-चार टॉपिक्स को छोड़े जाने का गलत मतलब निकाल कर मनगढंत विमर्श बनाना आसान है, विभिन्न विषयों को व्यापक तौर पर देखा जाए तो दिखाई देगा कि सभी विषयों में कुछ चीजों को छोड़ा गया है।’’
मंत्री ने दोहराया कि पाठ्यक्रम में टॉपिक्स को छोड़ना कोरोना वायरस संक्रमण के मद्देनजर उठाया गया कदम हैं। मंत्री ने ‘‘शिक्षा को राजनीति से दूर ’’ रखने की भी अपील की।
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उन्होंने कहा,‘‘ जैसा कि सीबीएसई ने स्पष्ट किया है कि स्कूलों को एनसीईआरटी वैकल्पिक शैक्षणिक कैलेंडर का पालन करने की सलाह दी गई है, और उक्त सभी टॉपिक्स को उसके तहत लाया गया है। कोविड-19 महामारी के कारण उठाया गया यह एक बार का कदम है।’’
उन्होंने कहा,‘‘ इसका एकमात्र उद्देश्य सिलेबस को 30 प्रतिशत तक कम करके छात्रों के तनाव को कम करना है। यह कदम हमारे ‘‘सिलेबसफॉरस्टूडेंट्स 2020’’ अभियान के माध्यम से शिक्षाविदों से प्राप्त सुझावों पर विचार करके और विभिन्न विशेषज्ञों की सलाह और सिफारिशों पर उठाया गया है।’