रिश्वत नहीं तो बेड नहीं, इलाज के लिए खाते रहिए धक्के, AAP MLA ने बताई अस्पतालों की सच्चाई

अस्पताल में जब मरीज जाते हैं तो उनको बेड नहीं मिलता, लेकिन दलाल और अस्पताल के बीच ऐसी साठगांठ है कि पैसा खर्च करने के बाद आपको इस अस्पताल में बेड मिल जाएगा: AAP विधायक दिलीप पांडेय

Updated: Dec 08, 2023, 12:06 PM IST

नई दिल्ली। दिल्ली में स्थित केंद्र सरकार के अधीन अस्पतालों में पैसे लेकर मरीजों को बेड उपलब्ध कराया जा रहा है। अगर मरीज दलालों को पैसे नहीं देता है तो अस्पताल प्रबंधन बेड नहीं है, ये कहकर उसको वापस भेज देता है। आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं विधायक दिलीप पांडे ने गुरुवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता कर यह सनसनीखेज खुलासा किया है।

इस दौरान AAP विधायक ने कुछ मीडिया में प्रकाशित रिपोर्ट्स का हवाला देते हुए कहा कि केंद्र सरकार के अधीन आने वाले अस्पतालों में भ्रष्टाचार चरम पर हैं। मरीजों को बिना पैसा दिए बेड नहीं मिल पा रहा है। जबकि पैसे देने पर वही बेड मिल जा रहा है। उन्होंने भाजपा से प्रश्न किया कि इन अस्पतालों में व्याप्त भ्रष्टाचार पर प्रधानमंत्री, केंद्रीय गृहमंत्री और स्वास्थ्य मंत्री चुप क्यों हैं। दलालों पर लगाम कसने के लिए क्या कार्रवाई की जा रही है?

उन्होंने कहा कि दिल्ली के अंदर ओवरऑल हेल्थ को देखा जाए तो दिल्ली के अंदर तीन तरह के हॉस्पिटल हैं, एमसीडी, दिल्ली सरकार और केंद्र सरकार के हॉस्पिटल हैं। इन हॉस्पिटलों को केंद्र सरकार कंट्रोल करती है, जिसमें AIIMS और सफदरजंग का अस्पताल शामिल हैं। इनमें कई तरह की अनियमिताएं हैं। इन हॉस्पिटल में जो घटित हो रहा है वह कहीं भी संवैधानिक संस्था के दायरे में नहीं है।

उन्होंने कहा कि ये अस्पताल केंद्र के स्वास्थ्य मंत्री के अधीन आता है। इस तहर की घटना क्रिमिनल एक्ट हैं कि आप बेड नहीं दे पा रहे हैं, लेकिन आपकी नाक के नीचे से दलाली फल-फूल रही है। इस अपराध व्यवस्था की जिम्मेदारी अमित शाह की है, स्वास्थ्य मंत्रालय की जिम्मेदारी है। दिल्ली देश की राजधानी है। इसकी जानकारी प्रधानमंत्री मोदी को भी होगी।

दिलीप पांडेय ने कहा कि मेरा सीधा सवाल है जो केंद्र सरकार के अधीन जो हॉस्पिटल हैं वह मरीजों को बेड क्यों नहीं दे पा रहे हैं। दलाल पैसे से बेड दिलवा रहे हैं। इस तरह के भ्रष्टाचार के ऊपर आप चुप क्यों है। उन्होंने कहा कि इस तरह की एक अकेली घटना नहीं है और भी इस तरह की कई घटनाएं सामने आ चुकी हैं। 14 साल की एक बच्ची को भी एम्स में बेड नहीं मिला था।