Farmers Protest: महिला दिवस पर हज़ारों महिला किसान पहुंचीं दिल्ली बॉर्डर, आंदोलन की संभालेंगी कमान
International Women's Day: दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर सौ से ज्यादा दिनों से जारी किसान आंदोलन में मंच आज पूरी तरह महिलाओं को समर्पित रहेगा, महिलाओं का मार्च भी निकलेगा
दिल्ली। मोदी सरकार के तीनों कृषि कानूनों (Farm Laws) के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर जारी आंदोलन की कमान आज महिला किसानों के हाथ में रहेगी। सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आज किसान आंदोलन का मंच भी महिलाओं के हवाले रहेगा। हज़ारों महिला किसान दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाज़ीपुर बॉर्डर पर जमा हो चुकी हैं।
किसान संगठनों के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस (International Women’s Day) के मौके पर पंजाब, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की कम से कम 40 हज़ार महिलाएं दिल्ली की सीमाओं पर अपना “शक्ति प्रदर्शन” करने पहुंची हैं। इन राज्यों के अलग-अलग इलाकों से ट्रैक्टर चलाकर आंदोलन में शामिल होने के लिए पहुंचने वाली महिला किसानों की कतार पिछले कई दिनों से दिखती रही है।
अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के लिए आज आंदोलन में बड़ी संख्या में महिला कार्यकर्ताओं, छात्रों और समर्थकों के शामिल होने की भी उम्मीद है। महिला किसान आज आंदोलन के मंच से अपने संघर्ष की कहानियां भी साझा करेंगी। किसान नेताओं ने कहा कि महिलाएं देश के कृषि क्षेत्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है और उन्होंने इस दिन महिला किसानों को मंच प्रबंधन सौंपने की योजना बनाई है। उन्होंने कहा कि यह दिन पूरी तरह से महिला किसानों, कार्यकर्ताओं और छात्राओं को समर्पित होगा।
Today, International Women's Day, will be dedicated to all courageous women who have been 'BIG but Unrecognised' part of farming community, wherein the stage will be managed by women, and a small march will be organized in their honour at Singhu border. #WeSaluteWomenFarmers pic.twitter.com/48LQRn0tGO
— Kisan Ekta Morcha (@Kisanektamorcha) March 8, 2021
स्वराज इंडिया के अध्यक्ष योगेन्द्र यादव ने मीडिया से कहा है कि “संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन के दौरान महिला किसानों की क्षमता को हमेशा महत्व दिया है। सभी जगहों पर महिलाएं आंदोलन का नेतृत्व करेंगी। चाहे वह टोल बैरियर हो या स्थायी आंदोलन स्थल। आज उनका दिन है।”
सभी किसान संगठनों में महिला विंग भी हैं। भारतीय किसान यूनियन (उग्राहन) का महिला संगठन सबसे बड़ा है। बीकेयू (उग्राहन) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां ने कहा, “बीकेयू (उग्राहन) ने महिला प्रदर्शनकारियों को लाने के लिए 500 बसों, 600 मिनीबसों, 115 ट्रकों और 200 छोटी गाड़ियों का इंतज़ाम किया है। ये सभी गाड़ियां महिला दिवस पर महिलाओं को दिल्ली लेकर पहुँच रही हैं। इन गाड़ियों में आने वाली ज्यादातर महिलाएं अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस मनाने के बाद अगले दिन वापस चली जाएंगी।”
वरिष्ठ किसान नेता और संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की एक सदस्य कविता कुरुगंती ने कहा, ‘‘महिला दिवस मनाने के लिए, मंच का प्रबंधन महिलाओं द्वारा किया जाएगा, और वक्ता भी महिलाएं होंगी। सिंघु बॉर्डर पर एक छोटा मार्च होगा, जिसकी विस्तृत जानकारी बाद में साझा की जाएगी। हम विभिन्न आंदोलन स्थलों पर अधिक महिलाओं के शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं।’’
कृषि कानूनों के खिलाफ किसान सौ से ज्यादा दिनों से दिल्ली के सिंघु, टिकरी और गाजीपुर बॉर्डर पर आंदोलन कर रहे हैं। किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने कहा, ‘‘महिलाएं कृषक समुदाय का एक बड़ा हिस्सा हैं लेकिन उन्हें वह दर्जा नहीं दिया जाता है, जिसकी वह हकदार हैं। वास्तव में, वे पुरुषों की तुलना में अधिक काम करती हैं।’’