साल के पहले ही दिन कश्मीर के तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को किया गया नजरबंद
परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के खिलाफ शनिवार को मार्च निकालने वाला था गुपकार, प्रदर्शन से पहले महबूबा मुफ्ती, फारूक अब्दुल्ला और उमर अब्दुल्ला को किया नजरबंद
श्रीनगर। जम्मू कश्मीर में नए साल की शुरुआत भी अस्थिरता से हुई। यहां नए साल के पहले ही दिन तीन पूर्व मुख्यमंत्रियों को नजरबंद कर दिया गया। दरअसल, गुपकार गठबंधन ने शनिवार को परिसीमन आयोग के खिलाफ मार्च निकालने का ऐलान किया था। लेकिन प्रदर्शन से पहले ही तीनों मुख्य नेताओं को नजरबंद कर दिया गया।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने इस संबंध में ट्वीट किया, 'सुप्रभात और 2022 का स्वागत। उसी जम्मू-कश्मीर पुलिस के साथ एक नए साल की शुरुआत जो अवैध रूप से लोगों को उनके घरों में बंद कर रही है और प्रशासन सामान्य लोकतांत्रिक गतिविधि से इतना डरा हुआ है। गुपकर गठबंधन के शांतिपूर्ण धरना-प्रदर्शन को रोकने के लिए ट्रक हमारे गेट के बाहर खड़े हैं। कुछ चीजें कभी नहीं बदलतीं।'
Talk about a lawless police state, the police have even locked the internal gate connecting my father’s home to my sister’s. Yet our leaders have the cheek to tell the world that India is the largest democracy, hah!! pic.twitter.com/flNICRGk58
— Omar Abdullah (@OmarAbdullah) January 1, 2022
अब्दुल्ला ने आगे लिखा कि, 'एक अराजक पुलिस राज्य की बात करें, तो पुलिस ने मेरे पिता के घर को मेरी बहन के घर से जोड़ने वाले आंतरिक द्वार को भी बंद कर दिया है। फिर भी हमारे नेताओं के पास दुनिया को यह बताने की हिम्मत है कि भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है।'
पूर्व मुख्यमंत्री व पीडीपी चीफ महबूबा मुफ्ती को भी नजरबंद कर दिया गया है। मुफ़्ती ने ट्वीट कर इस बात की जानकारी दी है। दरअसल, गुपकार ने जम्मू संभाग में विधानसभा की छह और कश्मीर में एक सीट बढ़ाने के परिसीमन आयोग के प्रस्ताव के खिलाफ शनिवार को श्रीनगर में प्रदर्शन करने की बात कही थी। आयोग की सिफारिशों के बाद जम्मू में सीट संख्या 43 और कश्मीर में 47 हो सकती है। इसी का विरोध गुपकार गठबंधन कर रहा है।