जोशीमठ के लोगों का टूट रहा सब्र का बांध, मशाल लेकर फिर सड़कों पर उतरे, BJP सरकार के खिलाफ दिखा गुस्सा

प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों की लगातार उपेक्षा की जा रही है, 1 महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक भी आपदा प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है और प्रभावित परिवार राहत शिविरों में दिन गुजार रहे हैं।

Updated: Feb 11, 2023, 08:04 AM IST

जोशीमठ। उत्तराखंड के जोशीमठ में हो रहे भूस्खलन और भू-धंसाव से प्रभावित लोगों का अब सब्र टूट रहा है। पिछले डेढ़ महीने से तहसील परिसर में बैठकर धरना दे रहे लोग हाथों में मशाल लेकर जोशीमठ की सड़कों पर उतरे और मशाल जुलूस निकाला। इस दौरान लोगों ने जमकर उत्तराखंड सरकार के खिलाफ नारेबाजी की और सीएम पुष्कर धामी मुर्दाबाद के नारे लगाए।

जोशीमठ के लोगों की मांग है कि भू-कटाव की वजह से जो उनके भवन और भूमि क्षतिग्रस्त हुई है। उसका उचित मुआवजा और स्थायी पुनर्वास दे दिया जाए। निरंतर धरने पर बैठ रहे लोगों का आरोप है कि सरकार पिछले डेढ़ महीने से मामले को टाल-मटोल कर रही है।

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प्रदर्शनकारियों का कहना है कि सरकार की ओर से आपदा प्रभावितों की लगातार उपेक्षा की जा रही है, 1 महीने से अधिक का समय हो गया है, लेकिन अभी तक भी आपदा प्रभावितों का पुनर्वास नहीं हो पाया है और प्रभावित परिवार राहत शिविरों में दिन गुजार रहे हैं जिससे भारी दिक्कतें हो रही हैं।

आंदोलन का नेतृत्व कर रहे अतुल सती ने कहा कि सड़कों पर उतरी यह भीड़ प्रभावितों की भीड़ है। जिन लोगों के घर इस आपदा का शिकार हुए हैं, उन लोगों की भीड़ है। और सरकार के नकारेपन की वजह से लोगों को दूसरी बार अपने हाथों में मशाल लेकर सड़क पर उतरना पड़ा। उल्लेखनीय है कि लगभग एक महीने पहले भी लोग इन्हीं मांगों के लिए हाथों में मशाल लेकर सड़कों पर उतरे थे। लेकिन स्थिति अभी तक जस की तस बनी हुई है।