महंगाई से जनता हलकान, थोक महंगाई दर 15 महीनों के रिकॉर्ड लेवल पर, बेतहाशा बढ़े खाद्य वस्तुओं के दाम

मई में थोक महंगाई बढ़कर 15 महीनों के ऊपरी स्तर पर पहुंच गई है। आज यानी 14 जून को जारी किए गए आंकड़ों के अनुसार मई में थोक महंगाई बढ़कर 2.61% पर पहुंच गई है।

Updated: Jun 15, 2024, 03:48 PM IST

नई दिल्ली। देश में बेतहाशा बढ़ती महंगाई ने आम लोगों के जीवन को काफी प्रभावित किया है। निरंतर हो रहे मूल्यवृद्धि के कारण खाद्य पदार्थों की कीमतें रिकॉर्ड स्तर पर है। मई में देश की थोक महंगाई दर 15 महीने के उच्चतम स्तर 2.61% पर पहुंच गई।

वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के शुक्रवार को जारी आंकड़ों के अनुसार, मई में खाद्य पदार्थों की थोक महंगाई दर 7.4 प्रतिशत रही। वाणिज्य और उद्योग मंत्रालय ने शुक्रवार को एक बयान में कहा, 'मई, 2024 में मुद्रास्फीति की सकारात्मक दर मुख्य रूप से खाद्य पदार्थों, खाद्य उत्पादों के निर्माण, कच्चे पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस, खनिज तेलों, अन्य विनिर्माण आदि की कीमतों में वृद्धि के कारण है।'

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पिछले साल मई की तुलना में इस साल मई में आलू के दाम 64.05 प्रतिशत, प्याज के 58.05 प्रतिशत और सब्जियों के 32.42 प्रतिशत बढ़े। दालें 21.95 प्रतिशत, अनाज 9.01 प्रतिशत और फल 5.81 प्रतिशत महंगे हुए। दूध के दाम भी 3.61 फीसदी बढ़े।इससे पहले अप्रैल में थोक महंगाई 1.26 प्रतिशत रही थी। वहीं, थोक महंगाई का मई का स्तर फरवरी 2023 (3.85 प्रतिशत) के बाद सबसे ज्यादा है।

थोक महंगाई के लंबे समय तक बढ़े रहने से ज्यादातर प्रोडक्टिव सेक्टर पर इसका बुरा असर पड़ता है। अगर थोक मूल्य बहुत ज्यादा समय तक ऊंचे स्तर पर रहता है, तो प्रोड्यूसर इसका बोझ कंज्यूमर्स पर डाल देते हैं। सरकार केवल टैक्स के जरिए WPI को कंट्रोल कर सकती है।